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________________ 403 No. 202 (d). Bhūdhara Krita Pañoha Meru Jaimala by Vinodi Lāla. Substance- Country-made paper. Leaves —31. Size - 57 " x 5”. Lines per page — 13. Extent -260 Ślokas. Appearance-Old. Character—Nagari. Place of Do - posit--Pandita Rāma Gopala ji, Jahangirābād, Bulandasahar. APPENDIX II. Beginning.—अथ पंच मेरु जयमाल भूधर कृत लिष्यते ॥ जिन मज्जन पीवं मुनि जनईवं अस्सी चैत्य मंदिर सहितं वंदी गिरनायम हिमालयक पंच मेरु तीरथ महतं ॥ १ ॥ छ ॥ जंबूद्वीप अधिक छबि छाजै मध्य सुदर्शन मेरु बिराजै उन्नत जाजन लक्ष प्रमानं छत्रोपम सिर रजत विमानं २ दीप धात की षंड मभारी मेरु जुगम ग्रागम अनुसारी विजय नाम पूर्व दिस सा है पछिम भाग अचल मन मेाहै ॥ ३ ॥ पुह करार्द्ध मैं विफुनि यों हे मंदिर विद्युत मालो साह्रै व्यारों की इक सार उचाइ सहस भैसी चव जाजन गाई ४ पंच मे महागिरि पही अचल अनादि निधन थिर जेही मूल वज्र मधि मणिमय भासे उपरि कनकमई तम नासै ५ गिरि गिरि प्रति बन चारि बनाने बनवन देवल च्यारि खाने चामीकर में चहुंदि राजै रतन मई जावत रवि लाजै ६ नाना विधि रचना अवधारै धुज पावन पाप बिडारै सेा जोजन आया मग नीजै व्यास तास से अर्द्ध भनोजै ७ पचहस्तर परमान उचेरौ भई साल नंदन वन केरेरो पुनि सोधन सहिं प्रधानान तिने पांडुक अर्द्ध प्रमानो ८ पंच मेरु मित इह सुनि लीजै सुनि बरनन सरधा इह कीजै समासरन सरधा सम कीजै बुद्धि प्राकी कैसे करि कहीयै ९ ॥ End.—विवाण द्वारा जाखवि । अइसथ ठालागि अमपस हिया । संजाद मच्च लेाए । सब्बे सिर सागमं सामि ॥ २६ ॥ जो इह पठइति पालं ॥ खित्रु इ कांडं पि भाव सुद्धोरा ॥ भुज्ज विग रसुर सुखं ॥ पछा सा लहइ विव्वाणं ॥ २७ ॥ इति निवाल कांड समाप्तम् । Subject. — जैन पुण्यस्थलों का वर्णन और निर्वाण प्राप्ति का विधान । Note. यह एक प्राकृत भाषा की पुस्तक का अनुवाद प्रतीत होता है जिसका रचयिता 'भूधर ' था । कवि बिनादी लाल ने सम्भवतः इसका संग्रह किया है और पुस्तक के प्रारम्भ में हिमालय पंच मेहत्रों का वर्णन तथा कई देवताओं की स्तुति की है और अंत में प्राकृत ही में निर्वाण कांड सम्मिलित कर दिया है। No. 203. Basanta Vilāsa by Vishnu Datta. SubstanceCountry-made paper. Leaves-55. Size-8" x 3". Lines
SR No.010837
Book TitleTenth Report on Search of Hindi Manuscripts for Years 1917 to 1919
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Bahaddur Hiralal
PublisherAllahabad Government Press
Publication Year1929
Total Pages532
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size38 MB
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