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APPENDIX II.
मांझ जहंईम दोन्हेउ वर मोहि बचन दृढ़ पांच बीम अरु बोस जब मैसे नर पायउ तब कीन्हेउ या प्रकास पढ़ि सुनि निरभव निकरै पहुचे रघुपति पास इति श्री राम मंत्र मुक्तावलो तुलसीदास कृत हनुमान सिवायां समाप्त सुभमस्तु श्री सीता राम जू ॥
Subject.- रामनाम का ध्यान, माहात्म्य गुणादि वर्णन तथा ज्ञानोपदेश ।
No. 196 (b). Baravā Fāmāyana by Tulasī Dasa. Substance—Country inade paper. Leaves-9. Size - 6 " × 22". Lines per page-6. Extent-80 Ślōkas. Incomplete. Appearance- New. Character — Nagari. Place of Deposit -- Saraswati Bhandara, Lakshmana Kota, Ajodhyā.
Beginning.—श्रो रामानुजाय नमः ॥ दोहा ॥ केस मुकुन सषि मरकत मनिमय होत । हाथ लेत प्रनि मुक्ता करत उदात ॥ १ ॥ सम सुवरन सुषमाकर सुषद न थोर ॥ सिय अंग सषि प्रति कोमल कनक कठोर ॥ २ ॥ मिय मुष सरद कमल जिमिको कुहि जाइ ॥ निसि मलोन वह निसि दिन यह बिगमाइ ॥ ३ ॥ बड़े नयन कर भृगुटो भाल विमाल || तुलसा मोहन मनहि मनेाहर बाल ॥ ४ ॥ चंपक हरवा अंग मन्नि अधिक सुहाइ ॥ जानि परै हि परे जब कुंभिलाई ॥ ५ ॥ यि तु अंग रंग मिलि अधिक उदात || हरि बेलि पहिगवै चपक होत ॥ ६ ॥ साधु सुसील सुमति सुचि सरल सुभाव || राम नीति रत काम कहा यह यह पाव ॥ ७ ॥ ककुम तिलक माल श्रुति कुंडल लाल ॥ काक पक्ष्य मिलि सु विकस (त) लसत कपाल ॥ ८ ॥
End. - कलसजानि जिय जनेउ नाम प्रताप | कौतुक सागर सापेउ करि जिय जापु ॥ ५५ ॥ तुलसी सुमिग्न सुन्नम राम फल चारि ॥ ५६ ॥ राम नाम पर तुलमो नेह निबाहु ॥ येहि ते अधिकन येहि सम जीवन लाहु ॥ ५७ ॥ दाष दुरित दुष दारिद दाहक नाम । सकन सुमगलदायक तुलसीराम ॥ ५८ ॥ केहि गनती मंहु गनता जस बनघास ॥ राम जपत मे तुलसी तुलसीदास ॥ ५९ ॥ श्रागम निगम पुरान कह ताकरि लाक। तुनसी नाम राम कर सुमिरत नीक ॥ ६० ॥ सुमिरहु नाम राम कर सेवहु साधु ॥ तुलसो उतरि जाहु भव उदधि प्रगाधु ॥ ६१ ॥ काम धेनु हरि नाम काम तरु राम सुभ x
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पूर्ण
Subject.• - राम चरित्र वर्णन ।
बृ. १ - ३ श्रीसीताराम की शोभा और बाल काण्ड का कृत्य वर्णन ।
,, ३–४ कृत्य — अयोध्या काण्ड के ।