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________________ 382 APPENDIXII. पृ. १८-२४ रामदास, उदयराम, प्रभुदास, सुदामा आदि शिष्यों की कथा, अकबर, जहांगीर, शाहजहां और पारंगजब बादशाह के राज्य का संक्षिप्त वर्णन, औरंजेब का चरित्र चित्रण, औरंगज़ब का मलूकदास के लिये ग्रहदो भेजना, मलूकदास का योगबल से बादशाह के महल में पहुंचना, ऐश्वर्य दिवाना, बादशाह को चकित करना, महदी का शरणागत होना। प. २४-३० मलूक दास का संसार से विरक्त होना, हरि भजन में रम रहना, अपने भाई के पुत्र रामस्नेही का गादी पर बिठाना, रामस्नेही को उपदेश करना, हरिदास, लालदास आदि शिष्यों की कथा । पृ. ३-३३ मलूक दास का परमधाम को जाना तथा भंडार आदि का सविस्तर वर्णन । पृ. ३३-४३ मलूक दास के विमान (रथी) का पुरी पहुंचना और जगन्नाथ के मंदिर में प्रवेश करना, मंदिर का ३ दिनों तक बन्द रहना, राजा और पण्डों को स्वप्न, मलूक दास के विमान की समाधि और भंडारादिका विचित्र वर्णन । ___No. 191. Rama Nama Mahatmya by Swayam Prakasa. Substanco-Country-made paper. Leaves-10. Size-9}" x 41". Lines per page-9. Extent-275 Slokas. Appearance-Old. Character-Nagari. Place of DepositSaraswati Bhandara, Lakshmana Kota, Ayodhya.. Beginning.-श्री सीतागमाभ्यां नमः दोहरा ॥ गिरजासुवन गणेश जी प्रथम पाद तव वंद ॥ हु भक्ति श्रीराम की पावों परम अनंद ॥ १॥ नमो नमों श्री सारदा कवि कुल का आधार ॥ कहां महातम नाम को दंहु बुद्धि वर मार ॥२॥ गिरजापति श्री शंभु जी नमो नमां पद तोर ॥ देहु भक्ति श्रीराम को मिटै भर्म भव मार ॥ ३॥ श्री नारायण गरुडध्वज शेशमई भगवान ॥ नमो नमा तव चरन को दहु नाम सुखखान ॥४॥ सब संतन के चरन का नमो नमो कर जोरि ॥ रामभक्ति मम दीजिप परम पियारो तारि ॥५॥ श्री सतगुरु युगचरन को नमो नमो बहुबार ॥ नाम जहाज चढ़ाइ करि करो सिंधु भवपार ॥६॥ श्री सीतापति राम को पद सराज उर धार ॥ नमसकार करि कहत हेा नाम महातम सार ॥७॥ कहां महातम नाम को कहां अल्प मति मार ॥ ब्रह्मादिक सकचित कहै कहे को बपुरा हार ॥ ८॥ महिमा कहा श्री नाम की वैदक मति अनुसार ॥ राम नाम जो जो जपे तिसका होइ उधार ॥९॥ End.-राम नाम जप षट उरमी धर्म हरै सत्य सोल साधुता प्रकाश को पगार है ॥ राम नाम जप रिदि सिदि को समुद्र भरोशाना योगो पंडित न पावै
SR No.010837
Book TitleTenth Report on Search of Hindi Manuscripts for Years 1917 to 1919
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Bahaddur Hiralal
PublisherAllahabad Government Press
Publication Year1929
Total Pages532
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size38 MB
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