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APPENDIX II.
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Subject.-बाबा मलूक दास का संक्षिप्त जीवन चरित्र ।
पृ. १-३ गुरु वंदना । जीवों की मुक्ति के लिये भगवान का पृथ्वी पर अवतार लेना तथा मलुक दास का सुन्दर (खत्री) के घर कड़ा (जिला इलाहा. बाद) में जन्म ग्रहण करना । बालक मलूक दास को साधु सेवा । कम्बल का वाणिज्य । साधु संतों के लिये घर से चोरी करना । माता का बालक पर दोष लगाना । बालक मलक का चमत्कार-खाली भंडार का सदा भरपूर रहना ग्रादि ऐश्वर्य का दिखाना।
पृ. ३-६ मटूक दास का कम्बल का वाणिज्य करना और मनमाना साधु संता का सेवा और हरि भजन करना । भगवान का मजूर वेश में भक्त मलूक का कम्बत्न ढोना, मलूक के घर रोटी खाना और भक मलूक को ईश्वररूप में दर्शन देना।
पृ. ६-९ मलूक दास के पिता का शरीर त्याग करना और भगत मलूक का हरि भजन, सत्संग पार हरिसेवा करना, साथ ही साथ कम्बल का वाणिज्य भी करते रहना । स्वामी गमानंद का कड़े पाना और भक्त मलूक को मंत्रोपदेश करना । मलूक की प्रबिदि, हिन्दु मुसलमान सभी जाति के लोगों का मलूक के दर्शन के लिये पाना, शिष्यों को वृद्धि और मलूक का ऐश्वर्या तथा चमत्कार दिखाना।
पृ. ९-१२ खाजे नामक एक मुसलमान पोर तथा बाबा मलूक दास के चमत्कार । मलूक दास से मुसलमानों का विरोध करना, मलूक दास का परोपकार तथा स्वामी मुरारदास का दर्शनार्थ कड़े ग्राना।
पृ. १२-२५ मुगरदास स्वामी का सत्कार, ९०० संतों को बीस सेर खिचगे 'और टके के घी से भरपूर भोजन दे प्रसन्न और संतुष्ट कर अपना विलक्षण चमत्कार दिखाना । मुरार स्वामी का मकर स्नान के लिये प्रयाग जाना, प्रयाग में उनका एक दिन बिना भोजन के रहना, बाबा मलक दाम का यह अपने योगबल से जान लेना पार गंगा मा के हाथ मुरार स्वामी की सेवा में सात सौ रुपयों की थैली भेजना, प्रयाग में मुगर स्वामी का मलूक दास के रुपयों से साधुओं का भंडाग हाना मलक दास का एक दिन कचहरी (न्यायालय ) में हाकिम के सम्म ख उपस्थित होना, एक चार को शूली से उतरवाना और उसे मंत्रोपदेश कर तीर्थाटन के लिये भेजना, चार का साधु हो जाना । एक बनखंडी का मलूक की शरण में ग्राना ।
पृ. १५-२८ मलूक दाम का जगन्नाथ आदि तीर्थों में भ्रमण करना, जगनाथ,भगवान का पुर में दर्शन दन, तथा कड़े का लौट कर अपना चमत्कार दिखाना तथा पक कायस्थ का शरणागत होना।
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