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APPENDIX II.
जु प्यारी ॥ भोरही खेलन काहां लो सिधारी ॥ कुमकुम भाल तिलक किन किनो ॥ किन मृगमद बिंदा जो दिनो ॥ छंद ॥ बिंदाजु मृगमद दिया मस्तक निरखि जसुमति सांसे परी ॥ सरद निस को कला पूरन मानमथ दरप न रह्यो। हेर फेर हसी मुष के हेत जननि पाल पवै निकि नेगुहि ॥ सूर के प्रभु मोहि व्याकुल सचि किने मनमत्त मई ॥ छंद ॥ नंद महरजु के घर ही जसादा ॥ मेरा बदन त फेर फेर जावे ॥ पेलत बोल निकट बैठाई ॥ कछु आनंद मन में किया भारी ॥ छंद ॥ मन में जु आनंद कियो भारी ॥ निरखि सुत विवल भई ॥ बाबा जू को नाम बूड़यो तोहे हंसि गारी दई ॥ पारी भुपागे सवारी मुख न गोद में बाधरी ॥ सूर के प्रभु रवि जोय में विधना सु बीनती करी ॥ चाल ॥ यह सुनके कीरत मुसकानी मैं नंदरानी के जीय की जांनी ॥ मेरी सुता हे रूप की गसो ॥ वे तो स्याम वनवासी उदासी ॥ छंद ॥ स्याम बनवासी उदासी रंग ढंग न क्यो बने नोल मनि ढिग रत्न अमालिक काच कंचन क्यो सने ॥ ललिता विसावा सो कह्यो षीज करि ललितां जो तुम कित गई ॥ सूर के प्रभु भवन बाहिर जानि मत दीज्यो कही ॥ चाल ॥ दिन दस पांच अटक जब कीनी ॥ कुंवरि को कान्ह दिखाई न दिनी ॥ मुरझ परी तव सुध न संभारी ॥ प्यारो कुंडमी हे भुजंगी कारे ॥ छंद ॥ कारे भुजंग डसि हे प्यारी गारडु हारे सबे ॥ श्री नंदनंदन मंत्र बिन ये विष काहू पे ना दबै ॥ मनुहार करि मोहन बुलाये ॥ सकल विष देखत हरे ॥ सूर के प्रभु जारी अविचल जियो जुग जुग दाउ जने ॥ चाल ॥ उठ बैठो जब बदन संभारे कछु मोहन देख अचग संवायो॥ मुर बेठी मन कोया हे हुलासा ॥ कोरति गई अपने पति पासा ॥ छंद ॥ अपने जु पति पे गई कीरत प्रित रात बिचारिये ॥ मंत्र बोल्यो ब्याह को सब सखीन मंगल गाईये ॥ श्री बंदा जु बनमें रच्या स्वयंवर कुंज मंडप छाईयो॥ सूर के प्रभु स्याम सुंदर श्रीराधिका वर पाईयो ॥ चाल ॥ विध वत भरी है विविध जु कीनी ॥ मंडप विविध कुमम बरखाया ॥ भरे हे भावरे है भवरन्हि ॥ ब्रज लुवति न पनंद भर गायो ॥ छंद ॥ पानंद भर ब्रज जुवति गायो॥ हरखि कंकन छोर हिये नाहि गिर उचि लेनो॥ स्यांम हसि मुख मारहि छोयो न छुटे डोरन जाहां ॥ रीत प्रीत जु अति बढ़ि सूर के प्रभुबन जुवति मिलि गारी मन मावति दई ॥ ४॥ इति प्रानप्यारी संपूर्ण ॥
Subject.-श्याम सगाई ॥
No. 187(a). Rāma Janma by Sūraja Dāsa. SubstanceCountry-made paper. Leaves-24. Size.-12" x 6". Lines per page-26. Extent-940 Slokas. AppearanceOld. Character-Nagari (Kaithi). Place of Deposit-B. Rama Chandra Tandana, B.A., Rama Bhavana, Sahazadapur, Faizābād.'