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________________ 368 APPENDIX II. यांनि के मातु पयोधर पीना मोहव दो दीन ही दिन प्रवर तरून भये तिय के रस भीना पुत्र के पुत्रवधू परिवार सा सहि भांति गया पन तोनौ सुंदर राम को नाम विसारि सेा आपुहि आप के बंधन कोनो २ करत करत धंध कछुवा न जाने अंध आवत निकट दीन आगिन रे चपाक है जैसे बाज तीतर की दावत अचानक जैसे जैसे सांप मेदुक को ग्राम्मत गपाक दे जैसे मछीका के घात मकरियारकत आइ जैन बक मछरी को लीलत लपाक दे सुंदर कहत राम चेतु रे अचेत नर भैसे ताहि काल आइ लेहिगे टपाक दे ३ End. - सवैया ॥ ग्यान दोवा गुरदेव दया करि दूरि किवा भ्रम पोलि के वारो और कया कहु कौन करे अब चित लगा परब्रह्म पियारो पाप विना चल के तहि ठाहर मूक भयेा मन भोति बिचारो सुंदर को यह जानत है एह गोकुल गांव का पैड़ा है न्यारा २६ दादा सुंदर गीता पठन करि अवर विचार न जुक हंसा हंसा ध्यान करि होत प्रग्यता मुक्त १ इति सुंदर गीता समाप्त सम्बत १९०४ Subject. - वेराग्य वर्णन । संसार निस्सार हैं, राम नाम हो सार है, भव पारावार है, आदि बातों का निरूपण । No. 186 (a ). Bhāgavata by Sura Dasa. Substance — Country-made paper. Leaves-429. Size-101" x 6". Lines per page-21. Extent-11,261 Ślōkas. Appearance---Old. Charactor—Någari. Dato of Manusoript - Samvat 1745 or 1688 A. D. Place of Deposit- Pandita Naṭabara Lala Chaturvëdi, Kotewūlē Sitala Pãyasā, Mathurā. X Boginning.—( खण्डित ) आरंभ २५७ पृष्ठ से बीच दामिनि दुति उपजति मधुप जूथ रसपान तू नागरि सब गुननि उजागर पूरन कलानिधान सूरस्याम तुव दरमन कारन व्याकुल परे प्रजान ४० राधे हरि रिपु tara fauran मेरु सुतापति ताही को सिमु ताकौ क्या न मनावति हरि वाहन तै उपमा सातौ घरै दुगवति जव अरु सात बोस ताहि सोहत काहे गहर लगावत सारंग बचन कहा करि हरि कौ सारंग वचन सुनावत सूरदास प्रभु तुव दरसन बिन लोचन नीर ढ (रा)वत ४१ जलसुत प्रीतम सुनि रिपू बंधु नबिल भयौ री मेरु सुतापति बसत जु माथै कोटि प्रकास नसाय गया री मारुतसुतपति अरिपुरवासी पति वाहन भोजन न सुहाई हसि सुत वाहन असन सनेही मानी अनल देह दालाई उदधि सुतापति ताकी वाहन ता वाहन कैसे समझावै सूरस्याम मिलि धर्म सूवन रिपु तिहि उतारि लै सलिल बहावै ॥ ४२ ॥
SR No.010837
Book TitleTenth Report on Search of Hindi Manuscripts for Years 1917 to 1919
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Bahaddur Hiralal
PublisherAllahabad Government Press
Publication Year1929
Total Pages532
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size38 MB
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