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APPENDIX II.
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___End.-प्पै । तार तार ततकाल ताल बाजत शिव नाचत तत थेई धुनि रंग देव सुखदेव समाचत डिं डिं डमरु निनाद नाद संगिय मुख मुक्या मृदु मृदु मधुर मृदंगघोष गति दोष जु मुक्यो कित्ति पठत अट पट झपट निपट मुपद बिछि अब कढ़ फंफुटित फनिय फन फन लपिटि समिटि समिटि कंपत कमठ ।
Subject.-मंगलाचरण, निवासस्थान (कंपिला) प्रशंमा, कविवंश वर्णन, कुंद का आदि अशुभ अक्षर वर्णन, शुभ अक्षर वर्णन, लघु गुरू लक्षण, लघु गुरु के नाम, अनेक प्रस्तार वर्णन, गनागन विचार वर्णन, मित्र शत्रु विचार, एकाक्षर पादादि के छंद भेद वर्णन, मात्रावृत्त वर्णन । समाप्ति
No. 183(e). Fāzila Ali Prakāba by Sukhadāva Mibra Kaviraja of Kampila. Leaves-63. Size-10” x 6". Extent -About 800 Slokas. Incomplete. Character-Nagari. Place of Deposit-Pandita Durga Datta Avasthi, Kampila, District Farrukhābād.
_Beginning.-श्रीगणेशायनमः दाः चारि चक्र परसिद्ध जश बहुत चकत्ता वंश प्रथम भये महम्मद अला अवनी के अवतंस १ प्रथम विलायत से चले आये मधि हिन्दअान महम्मद अली वली भए जानै सकल जहान २
अर्थ मुदिता लक्षण---कवि काविद कविराज मिलि एसे कहत विचित्र ले सुनै हित की कछु मुदिता होय मुमित्र यथा सासु गई उठि मायके कालि की चाको है रावरु आज पिया की सासुर नेंद जिठानी गई नववाघर में गति नाहिं पिया की बात परोसिनि की सुनि के कविराज भई गति एसी तिया की पांहुल सोछ तिया भरि नेह सा ज्यों भरि नेह सौ जोति दिया की अथ समरस दाः समरस कहत हात सुजान मा उपजत हा(त) विराग सबते होय उदास मन परम पुरुष अनुराग यथा छः पढ़ वेद उपवेद भेद नायक बहु जानौ पृथा पुरातन इतिहास निगम आगम उर आना किये यज्ञ तप कोटि कोटि तोरथ चलि न्हाये वृथा सकल कविराज जो न गोविंद गुन गाए खेतु खोदि कोन्हां सुभग पटु पटेलि कीन्हों विमल बाल बाल बय बीज नहि सबै मूल साधन सफन
Subject.-नृप वंश वर्णन, कवि वंश वर्णन, कतिपय छंद लक्षण, प्रथमाहास समाप्त । नायका भेद वर्णन द्वितीय व तृतीय उल्लास समाप्त । चतुर्थ उल्लास में नायक भेद वर्णन, भाव वर्णन, हाव वर्णन, दर्शन भेद वर्णन, अभिलाष अनेक कपट वर्णन ४-५ उल्लास समाप्त । रस वर्णन अपूर्ण ।
No. 183(d). Piugala Chhanda Viobāra by Sukhadõva Misra. Substance-Country-made paper. Leaves-33.
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