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________________ 360 APPENDIX II. ससिनाथ की बिनती उर में धारि ।। चूक परी कछु होइ तो लीजो सुकवि सुधारि ॥ ८५॥ संवत विक्रम भूप को अठारह से सात । जेठ सुद्ध (शुक्ल) त्रतीया रवा भयो ग्रंथ अवदात ॥ ८६ ॥ छंद हरि गीतिका ॥ जब लगि सबै रिषि अगछे चंद्रय काज निमित्त हे ॥ छिति से अरु पालकेस सुंदर सोमनाथ अभित्त हे । तब लग्गि पितु अरु पुत्र नाती आदि वित्त सहित हे ॥ ब्रजराज या युवराज सूरजमल्ल राजनु हित्त हे ॥ ८७ ॥ श्री बदनसिंघ भुवाल जदुकुल मुकट गुननि विसाल हे ।। तिहि कुंवर सिंघ मुजान मुंदर हिंदभाल दयाल हे ॥ तिहि हेत कवि ससिनाथ ने यह कीय मुजान वित्नास हे ॥ बत्तीस पुतरी की (कथा यह १) पूर्न ग्रंथ प्रकास हे ॥ ३२ ॥ इति श्री भाज सुर भामिनी x x दि कथा सिंघासन वत्तीसी कवि मिश्र ससिनाथ कृति मुजान विलाम संपूर्ण संवत १८७३ फागुन वदि नौमी चंदबासरे लीषतं केसव सर वैष्णव बागह छेत्र मध्य निवासी मुभं भवतु कल्यानरस्तु ।। मंगल भवतु ॥ Subject.-सिंहासन वत्तीसी की मुप्रसिद्ध वत्तीस कहानियां । No. 180. Timira Pradipaka by Śrī Krisliņa Misra. Substancy-Country-made paper. Leaves--133. Size-6" x.". Lines per page-7. Extent-982 Slokas. Appearance-New. Charactor-Nāgari. Dato of Composition -- Samvat 1798 or A. D. 1711. Date of Manuscript-Samvat 1912 or A. D. 1855. Place of Deposit-Pandita Daya Saikara Pāțhaka, Mandi Rāma Dāsa, Mathurā. Beginning.-॥६० ॥ श्री गणेशायनमः ॥ अथ तिमरप्रदीपक लिष्यते दाहा जयति सच्चिदानंद घन इष्ट देव गापाल नंदनंदन जन्मत मदन रमन जसामति लाल १ मुष वंदन कंदन कलपु सुजस पानि मुषदानि मदन कदन सुत कवि सदन एक (रदन) जग जान २ बानी जगगनी दिन कारज कारन रूप उत्पति तिथि लय कर निकर वरनी श्रुति अनुरूप ३ अमल कमल सम गुरु चरन चरचि चित धरि चारु जग हित कारन बरनिही जातिस सार उदारु ४ जय जय रवि छवि तेज निध उतपति थिति लल(य) हेत विधि हरिहर जग जानी के दिन दिन अंजुलि देत ॥५॥ छप्पै ।। जयति चंद पानंद कंद जगवंद दंदहर मंगल मंगल मूल जयति बुध ज्ञान मुद्ध धर जय सुरपति सिर मुकट लिषत जय चरन कमल गुरु दनुज मनुज सुर मत्त जयति सित विदित तिह पुर जय जयति भानु सुत सुनि सुघर राहु केत श्रीकृष्ण भनि करि नेहु देह गृह वर बल रचौ ९ जुग मध्य ध्वनि ॥ दोहा ॥ विक्रम रवि नृप राजगति वसु गृह रिषि सशि काल ॥७॥ पौष
SR No.010837
Book TitleTenth Report on Search of Hindi Manuscripts for Years 1917 to 1919
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Bahaddur Hiralal
PublisherAllahabad Government Press
Publication Year1929
Total Pages532
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size38 MB
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