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________________ APPENDIX I. 361 असित हरि तिथि ज्य दिन रच्यो मुथ रसाल प्राकृत कर्म निगुनि परत तिमर रूप जग बीच जोतिष दीप विहीन भनि जद्यपि परम नगीच ८ तातं परहित हेत यह रच्यो सार(र)मनीय तिमिर दीप यह ग्रंथ के नाव धरयो कमनीय मम सम जेनर ग्यान बिन तिनको हित चित धारि कियौ मिश्र श्रीकृष्ण यह भाषा विप बिचारि ॥ ___End.-दाहा। होइ बली जो दुहिन मैं सा गृह निजु गति दरु अब बरनौं निरवान को सुनों सुमति यह हेरि (रु) निज गृह क के उच्च को गृह कंटक मति हेरि कैक x x x गटै मरुत निवल मबल ग्रहा x x x ग्न को जोग यह जाकै ओं x x x संसार के मुक्ति हो x x x लषी जो बली x x x x x ककों निजु x x परगै साइ कै कुजत्र भाग मै रविहि हेरि तिर्यग तै अयों कह है। टेरि सशि सित विभाग में रविहि दषि तजि पितर लोक आयों विसेषि रवि हाय जही बुध सनि द्रिकान तजि नरक जीव आया प्रमान रवि को निरर्षे जो गुरू त्रिभाग आयो मु स्वग ते भूरि भाग याही विधि सशि को कहै। इंषि में बरनि मुनाया जिमि विशषि दाहा अपने उच्च त्रभाग के अधिप जन्म जो हाइ आयों जो नर लोक नर उच्च करें गुन साइजो नर उच्चरु नीच मैं करें नीच को धर्म लघु जातक को आदि दै लषि लषि ग्रंथ अनूप में बरन्यों भूल्या जहां छमियो साधि x x यही धर्म बड़ेन को दोष न काह देत x लउ निरषि सा सम्हारि सब लउ इति श्री तिमर प्रदोपे ा x x x x x x x x मिति महा कृष्ण पक्ष ६ शिववासरे संवत १९१२ लिखितं टोकाधरेन । Subject.-ज्योतिष शास्त्रपृष्ठ १---: वंदना भूमिका आदि अध्याय १ , ८-१२ मित्र विभाग योग वर्णन अध्याय २ ,, १२--१४ ग्रहयोनि योग वर्णन अध्याय ३ ,, १४-१८ अाधान वर्णन अध्याय ४ ,, १८-२३ सूतिका वर्णन अध्याय ५ , २३-२८ अरिष्ट योग वर्णन अध्याय ६ , २८-३२ आपदा वर्णन अध्याय ७ ,, ३२-३६ अन्तरदशा वर्णन अध्याय ८ ,, ३६.-४३ अष्ट कवरं वर्णन अध्याय ९
SR No.010837
Book TitleTenth Report on Search of Hindi Manuscripts for Years 1917 to 1919
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Bahaddur Hiralal
PublisherAllahabad Government Press
Publication Year1929
Total Pages532
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size38 MB
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