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________________ 362 APPENDIX II. paper. Leaves-365. Sizo-64 x 54". Lines per page-11. Extent-5,000 Slokas. Appearance-Old. CharacterNagari. Date of Manuscript- Samvat 1837 or 1780 A. D. Place of Deposit-The Public Library, Bharatapur State. _Beginning.-श्रीगणेशायनमः ॥ अथ दशम स्कंध भाषा उत्तरार्ध । दाहा ।। पंचाले अध्याइ में जरासंध के त्रास । दुर्ग रचायौ सिंधु में श्री गोविंद प्रकास ॥१॥ तहां आपने नरनि को राषि कुटुंब सहित ॥ मारि कपट जुत दैत्य को करिकै कपट चरित्त ॥२॥ परम सुधरमो कृष्ण नैं धरम गति को सजि ॥ जरासंध को जीत लिय पुनि बिनु जतने गजि ॥३॥ श्री शुकावाच ।। पावकुलक छंद ॥ अस्ति प्राप्ति इमि नाम निवागे ॥ नृपति कंस की द्वै वर नारा॥ कंस कंत के मरे दुष्यांनी ॥ गई पिता के गृह अकुत्नांनी ॥ ४॥ मगध राजधानी को नाइक ॥ जरासंध हो पितु मव लाइक ॥ तासां सिगरी कही कहानी ।। कंत मग्न की साक सयांनी ॥ ५॥ सा सुनि वात दुषप्रद भागे ॥ शोक अमर्ष भरो पन धागे । जादव विनु धग्नी को करनों ॥ उद्यम करतु भयो मुष हग्नौं ॥ ६ ॥सारठा ॥ कही प्रधानहिं टेरि जरासंध नै क्रुद्ध है॥ रत्त नेननि हेरि करी तयारी जंग की ॥७॥ __End.--कवित्त इकतीसा ॥ मनुज मुकुंद जू की मुंदर कथा को सुनि चिंता निशिवासर सनेह सरसाइ कै ॥ गए तिहिं धाम को अदंड कालदंड जीति जनम मरन की उपाधि बिसराइ कै ॥ जाके अर्थ गृहनि तें सकल विलास तज्जि सज्जि प्रेम मन में उछाह अधिकाई के ॥ भूपति अनेकहू पधारे तप करिवे को बन के मंझार कही प्रगट सुनाइ कै ॥७६ ॥ दाहा॥ सामनाथ संसार में सुखदाई हरिनाम ॥ है निशदिन वह गवने पार जगत के काम ॥ ७७॥ जब लगि भूमि अकास अस सागर सूरज चंद ॥ तब लगि सूरज मल नृप विलसौ राज अदंद ॥ ७८ ॥ हरिगीत छंद ॥ ब्रजइंद्र परम सुजान सूरज मल्ल सुंदर हेत ही ।। कवि सोमनाथ विचित्र ने बरन्यों सुबुद्धि समेत हो । भागवत दशम स्कंध भाषा अति पवित्र सुभाइ कै॥ यह नवयों अध्याय ताकी भयो हरि गुन गाइ कै ॥ ९० ॥ इति श्री मन्म्हाराजाधिराज ब्रजेंद्र श्री सुजान सिंघ हेतवे माथुर कवि सोमनाथ विरचिते भागवते दशम स्कंध भाषायां ब्रजेंद्र विनोदे श्री कृष्ण लोला चरितानु वरनने नवतितमोध्यायः ॥ २०॥ समाप्तोयं ग्रंथः ।। श्री मनहाराजाधिराज बजेद्र रणजीत सिंघ पठनार्थ लिपि कृतं काश्मीरी पंडित भास्करण ॥ संवत् १८३७ ज्येष्ठ शुदि दशम्यां १० सेामवासरे संपूर्गम् भूत ॥ शुभमस्तु ॥ Subject.-श्री मद्भागवत दशम स्कंध उत्तरार्द्ध की कथा ।
SR No.010837
Book TitleTenth Report on Search of Hindi Manuscripts for Years 1917 to 1919
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Bahaddur Hiralal
PublisherAllahabad Government Press
Publication Year1929
Total Pages532
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size38 MB
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