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________________ 349 APPENDIX II. End.—उतर जाइ भैा भार ते राम नाम रुचि लेइ । भूले भटके मति रह नाम कामना देइ ॥ ६० ॥ कवित्त एक मन पांच पगे ये कौना ते जाइए कौनिहि वास रहा। एक्का चढ़ि कै लिहे एक हुला एक लोइया मह पानी कहा । एनी पीए कलाइ लीन्हे एतरी पहिरे अंगुरि न गहा । लेपि लेपि भन्न पेड मोटाइनि एकनी नीवि गांवै सितलहा ।। ६१ ।। दाहा ॥। एक टेक हरिनाम की रसना गवै नाम । धर्म कर्म व ना सरै एक प्रेम से काम ।। ६३ ।। इति श्री ढेक चरित्र समाप्तं शुभमस्तु ॥ Subject.— मंगलाचरण, ग्रंथ - निर्माण, कामिनी-वर्णन कवित्तों में तथा ज्ञानोपदेश और भक्ति के दाहे अक्षर क्रम से । कहार की कामिनी, खतराइन, ग्वाल की, घासिन, नाई की, चिकैनि, छीपी की, जोलाहे की, झिल्ली की (झिल्लिनी) टेकई, ठठेरी, डामिनी, ढाढनी, तमोलिन, थवइन, दरजिन, धोबिन, पासिन. फरासोसिन, बाग्नि, भुंजइन, मालिन, नारि राउत को, लोधिनी, प्रोडिना, सानाग्नि, हलवाइन, अहिरन, इंटीरिन, उटहाग्नि । No. 176. Prēma Pachisi by Śiva Rāma. SubstanceCountry-made paper. Leaves-6. Size-7" x 6". Lines per page - 17. Extent – 153 Ślōkas. Appearance-Old. Character—Nagari. Place of Deposit —Śri Devaki— Nandanācharya Pustakālaya, Kāmabana, Bharatapur State. Beginning. - श्रीगणेशायनमः ॥ अथ प्रेम पचीसी लिख्यते ॥ कवित्त ॥ द्वारिका ते आया व्रजमंडल में सुधा ऊधौ बू को पवरि धायेा गोपिन को थो है । कहै सिवराम के पठाये कैसे आये तुम कान्ह है पठाये और दिढ़ाया तुम्हें जोग है | कही तौ प्रजाग पे न सा उन्हें तुम्हे कछू आवत न लाज जो हसै सुनि लोग है । तुमही विचारी न्याय दई को सुमाथे धरि हमें जाग जाग कुविजा के जोग भाग है ॥ १ ॥ गोपिन को वाक्य उद्धौ प्रति ।। जानी हम जानी ऊधौ जातें यह ल्याये जाग वोछी को न जाने मंत्र सांप बिल पैठे है । कहै सिवराम लहि का राजी न घेारा मान्या लघु धन पाय | प्रोछे केतक न पैठै है ॥ End.—कान्ह गोपी उधव को यामें है जुवाव स्वाल रसन से पूरी उक्ति सिसची सी है अंलकार नाइका न वारे भाव भक्ति दृढ़ विरहवलं नाहा वना वन रबी सी है । विगिंधु निलकना और विजना अनेक नारी कहां ल नाइयुत गनन गची सी है साहसी प्रताप को हुकम पाय ग्राडी लोक कोनि 28
SR No.010837
Book TitleTenth Report on Search of Hindi Manuscripts for Years 1917 to 1919
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Bahaddur Hiralal
PublisherAllahabad Government Press
Publication Year1929
Total Pages532
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size38 MB
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