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APPENDIX II.
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. पृ. ७-११ रास वर्णन, होलिका वर्णन, सरयू छवि वर्णन, सम्बन्ध वर्णन, अनन्य वर्णन, सियाराम परत्व वर्णन, झूठ दोष वर्णन, असत्य पुण्य वर्णन, और वैराग्य, धर्म कर्म आदि वर्णन।।
पृ. १२ ग्रंथ माहात्म्य वर्णन ।
No. 170 (a). Bārāmāsa Vinaya by Sarva Sukha Śaraña. Substance-Country-made paper. Leaves-3. Size-7" x3". Lines per page-9. Extent-40 Slokas. Appearance -Old. Character-Nagari. Date of Manuscript-Samvat 1903. Place of Deposit - Saraswati Bhandara, Lakshmana Kota, Ayodhya. ___Beginning.-श्रीगणेशायनमः अथ वारामास मिवै (विनै) लिष्यते ॥ अषाढी नाग पीतम सुधि न लीन्हीं जिय हुँकिनि दाह उर रघुवर विहीनी सजल घन घेरि नभ चहुं वार गजे चराचर हर्ष दारुण माहि विपर्जे पपीहा मार बालति. अति साहाये मुनत उर विरह दारुण दंत लाये गरजि छन तडित चमकति व्योम माहीं सतत दिन रैन पल जुग सम सेगही १ लायो श्रावण हरित भई भूमि सारी निठुर नृपवाल रघुवर मुधि विमागे झिमिक झर मेघ वषति झोन धारा उठति उर दाह दारुण विन पियाग करहि सव गान रचि सुंदर हिंडाला पियन सह भूलै जुवती सुष अमाला विविध पच्छो मधुर मृदु बोल बोल करत उर शोच रघुवर विन कलोले २
___End.-महीना जेठ लाग्यो प्रलयकारी पवण अहि स्वांस आतप अनल धारी वढ्यो मृग नीर तृष्णा भयो जल मै अषैवट स्वामी प्रासा वलभ भामै करौ सिसु रूप मंगिय नाम प्रभु को लहौ मुद पाय छवि वहु काम विभु को सरण सवसुष विनै एही कान करिए संतत दिन रैन देषहु उर विचारिये १२ सुनै सह प्रीति गावै माद मन से लहै वरभक्ति सियंवर प्रभुजन से १ इति श्री वारामास विनै समाप्त मुभमस्तु अस्वनि कृष्ण चतुथ्यों वुधवासरे सम्वत १९०३
Subject. -विरह विषयक 'बारहमासा' के पद । ___No. 170 (0). Tattva Bodha by Sarva Sukha Sarana. Substance-Country-made paper. Leaves-35. Size -- 7!" x3". Lines per page-8. Extent-700 Slokas. A ppearance --Old. Character-Nāgari. Date of Manuscript-Samvat 1903. Place of Deposit, Saraswati Bhaņdāra, Lakshmaņa Kota, Ayodhya.