SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 349
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 342 APPENDIX II. समाप्तः॥१॥दोहा॥ मार्गशीर्ष मासात्तमे असित पक्ष तिथि अंक । लिषितं हनुमत दास यह वासर विमल मयंक ॥१॥ शुभं ॥ Subject.-ज्ञान और उपदेश । सारे धर्म ग्रंथों का सार संक्षेप में नामानुसार वणेन । No. 169 (c). Rasika Vastu Prakāśa by Sarjū Dāsa alias, Sudhā Mukhi of Ayodhyā. Substance-Country-made paper. Leaves-12. Size-13" x 7" Lines per page-1. Extent390 8lokas. Incomplete. Appearance-Old. CharacterNagari. Place of Deposit-Saraswati Bhandara, Lakshmana Kota, Ayodhya. ___Beginning.-(इसके प्रथम दो पृष्ठ नष्ट हो गए हैं) x x अभिमान को सा मूरष अधिकाई ३७ इति श्री प्रमोद वनवासोना रामसीता विलासिनाभ्यंतर नाम सुधामुम्वोतिधारिणा श्री सत्यवासानुसारिणा सरयूदासेन कृतंमिदं रसिक गुग्ण वरणनं संपूरणं अथ पंच रस संबंध वर्णनं दाहा सात दास्य पुनि सष्य लषि अरु वात्सल्य विचारि पंचम रस रमराज शुभ सा मुंगार निहारि ३८ सांतरस वर्णन दाहा ब्रह्म जीव नाता जहा मानत मनके माहि तहा मांत रस भाव लषि व्यापक ब्रह्म लुभाहिं ३९ अथ सांतरस भाव भक्त वर्णनं दाहा वामदेव प्रह्लाद पुनि कपिलदेव मुषरूप इत्यादिक वहु सांतग्स भक्त भये वड़ भूप ४० अथ सांतरस भक्त नामोच्चारण वर्णनं दोहा ब्रह्म निरीह अनादि अज व्यापक सदा अनंत अविनासी चैतन्य सम कहत मातग्स संत ।। ४१ ॥ ___End.-अथ धर्म वर्णन दोहा सकल धर्मजुग दूरि धरि धरे हिये सियराम सावत जागत में सदा लपे जुगल रसवाम ४४ अथ रसिक मन तरंग वर्णन दोहा इंद्र सग्मि नृप पग परै उठै न पलक उठाई लहरि चढ़ी जब दोन को दहि वस्तु दर्शाई ४५ अथ ग्रंथ माहात्म्य वर्णन दोहा वस्तु अनेकनि ग्रंथ को थारे माहि बनाई बन प्रमोदवासी दई सरजूदास दाई रसिकाई सियराम को पढ़ सुनै यहि केर अवसि लहै संसपद है रहै रसिक वर नेर ४७ २०७ रसकाइ इति श्री वन प्रमोद कृत वासेन सरयूदासेन कृत रसिक वस्तु प्रकास वर्णनं सम्पूर्ण दोहा ॥ सुखदाई भाई हिये रसिकाई मुखमूरि हेतु सुलभताई लिषो पाथी जुग छवि पूरि ॥ Subject.पृ.१-२ रसिक गुण वर्णन पृ.२-७ पंचरस वर्णन, नवधा भक्ति वर्णन, विरह वर्णन, रसिक जूठन प्रभाव वर्णन, धाम परत्व वर्णन, पिय प्यारी रूप वर्णन, नाम वर्णन, धाम वर्णन, लीला वर्णन, अवध सरूप वर्णन, कनक भवन वर्णन तथा महलादि की शोभा वर्णन ।
SR No.010837
Book TitleTenth Report on Search of Hindi Manuscripts for Years 1917 to 1919
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Bahaddur Hiralal
PublisherAllahabad Government Press
Publication Year1929
Total Pages532
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size38 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy