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________________ APPENDIX II. 333 ___No. 164. Kosa by Raya Saheba Simha. SubstanceCountry-made paper. Size-10 inches x 6 inches. Lines per page-24. Appearance-Very Old. Character-Nägarī. Place of Deposit-Lālā Bhagawati Prasāda, Anūpasahar, · Bulandasahar. Beginning- x x पद कमला के x x x (गुसां)ई तुलसीदास रामायण x x (को)श लिप्यते ॥ श्री रामचन्द्राय नमः ॥ x x x शब्द ॥ मूल अर्थ म विपरि अर्थ करि जा पद की प्रादि मै हाइ जथा अधर्म वा अकर्म वा अन्याय इत्यादि। अज ब्रह्मा वा जन्म विनु वा मेढ़ा वा वकरो। प्रना वकरी वा भेड अभि प्रपा अव उपसर्ग अधि) अर्द्ध आधा। अघ पाप वा दुःख । अहि सर्प ग्रह दिन वा कष्ट वा अहंकार । अरि वैरी वा हठि। Subject.-कोश। Note.-कोश लिखनेवाले का नाम पुस्तक के आवरण पत्र पर उर्दू में लिखा हुआ है। पुस्तक अत्यन्त पुरानी है । इसके अधिकांश भाग में कीड़ों का हो साम्राज्य हो गया था अतएव पुस्तक नष्टप्राय हो गयी है। पन्ने एक दूसरे से ऐसे चिपके हुए हैं कि उनका व्यवस्थित रूप से पृथक् करना असम्भव सा हो गया है। अतएव इसका पूरा नोट नहीं लिया जा सका। पुस्तक का नाम भी नहीं पढ़ा जाता। सम्भवतः यह रामायण कोश है। इस पुस्तक को दो प्रतियां मिल गयी हैं। पर दूसरी भी पहली ही की तरह है। इन दो के अतिरिक्त पक और कोश मिला है जिसमें पंजाबी शब्दों के अर्थ फारसी और उर्दू में दिये गये हैं और शब्दों के उच्चारण के लिये हिन्दी (नागरी लिपि) की सहायता ली गयी है। 99.
SR No.010837
Book TitleTenth Report on Search of Hindi Manuscripts for Years 1917 to 1919
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Bahaddur Hiralal
PublisherAllahabad Government Press
Publication Year1929
Total Pages532
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size38 MB
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