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APPENDIX II.
पृष्ठ ११ कैकेयी के भवन में महाराज दशरथ जी का जाना, धन्या नाम्नी धाई का अपने साथ श्रीराम जी को पिता के निकट ले जाना तथा अन्यान्य रानियों का कैकेयी के महल में जाना और ग्रानन्द मनाना । अध्याय ३-४
पृष्ठ २५ कूबरो मन्थरा का कैकेयी को अटारी पर ले जाना, तथा कैकेई की पूर्व चरित्र का रहस्य सुनाना, अति विलम्ब देख महाराज दशरथ का शत्रुघ्न IT माता को बुलाने के लिये भेजना, शत्रुघ्न का अटारी पर जाना, कूबरी का रिस करना, और शत्रुघ्न का कूबरी को गेंद मारना । अध्याय ५–८
पृष्ठ २८ शत्रुघ्न सहित कैकेयी का महाराज के निकट जाना, मन्थरा का महाराज की सेवा में शत्रुघ्न को निन्दा तथा कोध करना, सुमित्रा को कूवरी का उलाहना देना, सुमित्रा धन्या तथा महाराज का कैकेई को शान्त करने की चेष्टा करना तथा समझाना तथा मन्थरा का कोप करना और मन ही मन रामराज्य का विरोध करना । अध्याय ९
पृष्ठ ४३ लोमश मुनि का अयोध्यावासियों को मन्थरा का पूर्व चरित्र वर्णन करना | अध्याय १५
पृष्ठ ७६ एकादशी के दिन देवताओं का सरयू स्नान के लिये प्रयोध्या आना, अयोध्या माहात्म्य, देवताओं का बाल रूप भगवान रामचन्द्र के दर्शन के लिये महाराज दशरथ के घर जाना तथा भगवान की वाल लीलाओं का वर्णन | अध्याय २६
पृष्ठ १५ गंधर्व विश्वावसु का अयोध्या आना और गानवाद्य करना, दशरथनंदन रामचन्द का मुग्ध होना, गन्धर्व को राज दरवार में रखने के लिये कैकेयी का महाराज दशरथ को वाण द्वारा पत्र भेजना आदि कथाओं का वर्णन | वीर सिंह को रत्नालिका रानी का बालरूप भगवान रामचन्द्र की छवि से मोहित होना, महारानी कौशिल्या रानी के घर जाना, वीर सिंह और रानी रत्नालिका का रघुवर जैसे पुत्र के लिये तप करना, कृष्णावतार का हेतु और श्रीराम और कृष्णावतार का साम्य वर्णन | अध्याय ३०
पृष्ठ १६० रामनवमी व्रत का माहात्म्य, राजा दशरथ का सरयू स्नान, राम लक्ष्मण भरत शत्रुघ्नादि का गेंद बल्लादि खेलना, वाणभ्यास तथा अहेर करना, महिष, गन्धर्व, किरात, वाराह, गज, आदि को तारना और ससैन्य श्रीराम लक्ष्मण भरत शत्रुघ्र का मृगया को जाना तथा मुनियों को अपने अपने दर्शन से तृप्त करना | अध्याय ४८ ।
No. 162(e) Rāma Rahasya Uttarārdha by Ratna Hari. Substance-Country-made paper. Leaves-102. Size - 10 inches x 3 inches. Lines per page-9. Extent-2025 Ślōkas.