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APPENDIX II.
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जेष्ठ मासे शुक्ल पक्षे तिथौ ८ सामवासर लिषि श्री अयोध्या मध्ये रामकोटे ब्रह्म कुंड सनिकटे महोल्ले पालमगंजे आशं पुस्तकं दृष्टा तादृशं लिषितं मया यदि शुद्ध अशुद्धं वा मम दोषो न दीयते । श्रीसीतारामाभ्यांनमः श्रीसीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम ।
Subject.- श्री रामचरित्र वर्णन । ____162(d). Rama Rahasya Purvardha by Ratna Hari. Substance-Country-made paper. Leaves-160. Size-101 inches x3 inches. Lines per page-9. Extent-3250 Slokas. Appearance-Old. Character-Nagari. Date of ManuscriptSamvat 1915 or A. D. 1858. Place of Deposit-Saraswati Bhandara, Lakshmana Kota, Ayodhya.
Beginning.--ॐ श्रीगणेशायनमः श्रीगुरुचरण कमलेभ्यानमः दाहा श्रीगुरु वेदी वंसवर वा हिय धरि ध्यान जासु कृपा लवलेस ते लहों सकल श्रुति ग्यान १ अंगदादि नव रूप प्रभु पूरन परमानंद प्रनवों पद पंकज परम पावन पाप निकंद २ संगत साहिव आदि गुरु श्री ब्रह्माचल अंत प्रनवों प्रनमि प्रनालिका पूजित संत महंत ३ श्री लछमन देसक वहुरि व मन वच काय तरो भयावन भव जलधि कृपा पोत जिंहि पाय ४ वहुरि वंदि वाराह गुरु श्रा जय जुत गोपाल जिनको करुनां ते लही विद्या विमल विसाल ५ श्री रघुवर विनों वहुरि सहित सकल परिवार तासु चरित वरनौं विमल वाल विनोद उदार ६ श्री सत्योपाध्यान वर राम रहसि रमनीय ताकी भाषा भनित भलि करें करन कमनीय ७ काय दोष गुन अलंकृति छंद द रस रीति वरन विवेक न एक मुहि केवल रघुपति प्रीति ८
End.-यहि राम राइ रहस्य दुरलभ परम प्रतिपादन किया श्रीराम करुना करि लहिय विन तासु नहि पावत किया श्रुतिसार सर्वसु सर्व सुकृत विपाक जिय जाना यही रघुवीर व्यास प्रसाद ते पायो कह्यो तुमसेां सही २०
सा० अव रघुवीर विवाह चरित परम पावन सुनहु करत अमित उतसाह कटन कोटि कलिमल कठिन २१ इति श्रीराम रहस्ये रत्नहरि विरचिते सूत सौनक संवादे अष्टचत्वारिंशोध्यायः ॥४८॥ शुभम् संवत् १९१५ लिखतं जनार्दनेन ॥
Subject.-श्रीराम चरित्र वर्णन।
पृष्ठ ७ मार्कण्डेय-वाल्मीकि-संवाद . श्री वशिष्ट जी का श्रीरामचन्द्र जी के दर्शनार्थ कौशल्या के भवन में पधारना और प्राधि व्याधि निवारण के बहाने नित्य प्रति भगवान रामचन्द्र के दर्शन करना । अध्याय १-२