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________________ 326 APPENDIX II. काज जड है मन माहै ॥ ६॥ तैसिय निर्मल नीर निकट जमुना बहि आई ॥ मनहु नीलमनि माल विपिन पहर सुषदाई ॥७॥ End.-जिनके यह रस सार आन रस सुन्यों न भावै ॥ ते नित ए सुष चहैं पान सुपने नहिं पावै ॥ यहै अगम आराध सुगम साधन किम हाई ॥ श्री गुरु श्री हरिव्यास कृपा विन लहै न कोई ॥ १९८ ॥ रसिक गुविंद सषि चरन सरन दिन दग्स न पावै ॥ जय जय श्री गुरुदेव यह सुष द्रगनि दिषावें ।। १९९ ॥ दोहा॥ यह अगाध निधि मधुर रस छवि कछ कही न जाय ॥ चटक चहै सब ही पिया पै इक बंद समाइ ॥२०० ॥ यहै जुगल रस माधुगे सादर लहै जु कोई ॥ प्रेम भक्ति सब सुष सदा श्री गुविन्द जिहि होई ॥ २०१॥ इति श्री मत् वृदावनचन्द्रवर चरणारविन्दमकरंदपानानंदित अलि रसिक गोविन्द कविराज विरचिता श्री जुगल रस माधुरी समाता | श्रीग्स्तु ॥ • Subject.-श्री राधाकृष्ण का सखियों सहित वृन्दावन धाम की शोभा का वर्णन ॥ ___No. 162(a). Dasarathi Dohāvali by Ratna Hari. Substanco-Country-made paper. Leaves-49. Size-10 inches x5 inches. Lines per page-13. Extent-2,000 Slokas. Appearance-Old. Character-Nagari. Date of Composition-Samvat 1920 or A. D. 1863. Date of Manuscript Samvat 1921 or A. D. 1864. Place of Deposit-Saraswati Bhandara, Lakshmana Kota, Ayodhya. ___ Beginning.-श्रीरामाय नमः ॥ अथ दासरथि दोहावली लिख्यते दोहा श्री गुरुवर रघुवर सिमरि सिरजु सहित सनेह दासरथि दाहावली दास दासरथि एह १ भूमि भूरि भारी भई भू भय टनके भार अमर अरज अनुसरि वयो अजन अवनि अवतार २ अवध अधिप अज उरज उरु दसरथ दुति दिवराज भये तामु त्रिय त्रय तनुज तरज रूप रघुराज ३ अति उतसव आनंद अरे उदये अवध अगार वजा वधाई विविधि विधि वार वार वहु वार ४ राम भरत सु भरत लषन मुलषन सत्रु संघारि घरे नाम गुन ग्राम गुरु वाम वाम जु विचारि ५ वालविनोद प्रमोद प्रद भए भूरि भव दानि जननि जूथ जो वै जिन्है जुरी जिवनि जिय जानि ६ धाइ धाइ इत उत चले धाइ धाइ गहि लेहि परम प्रमोदहि पाई पुनि माइ गोद दै देहि ८ __End.-संवत १९२० दोहा प्रोति चटपटी की पहा रीति अटपटी आहि आषि लगै जब लाल सा आषि लगै तब काहि १ हरिके भजन विना फिरे हरके स्वान समान नरकी देह गवाइ कै नरकी भए निदान २ असन वसन प्रादिक
SR No.010837
Book TitleTenth Report on Search of Hindi Manuscripts for Years 1917 to 1919
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Bahaddur Hiralal
PublisherAllahabad Government Press
Publication Year1929
Total Pages532
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size38 MB
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