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APPENDIX II.
Subject.-श्री सोताराम रहस्यपृष्ठ १-११ जीव ईश्वर स्वरूप वर्णन , ११-१५ ब्रह्मराम एकत्व , , १५-१६ ज्ञान वैराग्य भक्ति , , १६-१७ रसिक अनन्य रीति , , १८ शरणागत धर्म
२० राम नाम २०-२२ रूप प्रताप धाम परत्व
२४ आश्चर्य लीला २७ रासाध्याय २९ राज माधुर्य ३० राम आवरण ध्यान ३२ अवधि ३४ भवधि जीव ईश्वर स्वरूप वर्णन ४१ विविधि केलि ४२ रहस्य ,
४३ गुरु जिज्ञासु धर्म ,, ४५ रसिक लक्षण
" ४६ रसिक पाश्चर्य No. 158(e). Kavittā vali by Rāma Sakhē. SubstanceCountry-made paper. Leaves-22. size-7 inches x 3 inches. Lines per page-10. Extent-450 Slokas. Appearance-old. Character-Nagari. Place of Deposit-Saraswati Bhandara, Lakshmana Kota, Ayodhya.
Beginning:-श्री जानकी नृत्य राघवाय नमः ॥ राग ईमन चौतारो॥ करत दोउ परस परस सिंगार ॥ गउर बरन तन राजकुमारी सांवल राजकुमार ॥ धरत चन्द्रिका कोट सिरन पर पहिरावत उर हार ॥ पंषिमन मैं अंजन प्रांजत जनु सान धरत सर मार ॥ नकवेसर मोती जु सम्हारत दर्पन वदन निहार ॥ रामसखे या जुगल रूप पर वार वार वलिहार ॥१॥ राग हमीर बड़ी तार । महो पालो देषि राम सिय रास मंडलिकों वनि ठनि के दोऊ पावत ॥ सीस चन्द्रिका कीट मनोहर कर लिये कमल फिरावत ॥ वाढ नील प्रीत पट अंगन हंसि हंसि पान पवावत ॥ रामसषे दंपत रस भीन मा मनको अति भावत ॥२॥
धर्म
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