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APPENDIX II.
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Subject.-श्री जानकी जा और उनको सखियों का चरित्र वर्सन तथा श्री रामचन्द्र जी का संक्षिप्त चरित्र वर्णन ।
No. 156. Śri Siyā Lāla Samaya Rasa Vardjhini Kavitta Dama by Rama Ratna. Substance-Country-made paper. Leaves-45. Size -11 inches x5 inches. Lines per page10. 'Extent-900 ślākas. Appearance-Old. Character Nagari. Place of Deposit-Saraswati Bhandara, Lakshmana Kota, Ayodhya.
Beginning.-श्रीजानकीवल्लभ जू सहाय ॥ अथ समै रसवर्दनो कवित्त दाम लिष्यते ॥ देहा ॥ मंगनमै श्री अवधपुर मंगल सरजू नोर । मंगन पुरवामी सकल मंगल रघुकुन वोर ॥ १॥ मंगल चरित सुहावनू वाल मलि नृप धाम ॥ चरित सिंधु थाहत फिरै कवि बुध कंह विश्राम ॥२॥ कवित्त ॥ मंगल विचारि भारि देषिय संसार मांझ माधु गुरु छोड़ और मंगल न दुसरो ॥ बड़े हो म्हान जहान तारिवे को वपु धारै सकल सुधारै लखि जीव उर ऊसरो ॥ काटि कोटि शाग्दा गणेश लश गाये गुण भये मुद रूप तातें पूजवत भूसुरो ॥ पाली सिय रसिक वषानि कहै मानियत येही तो रसीले और लागै कूरो पूशरो ॥१॥
___End.- अंजनो को पूत राजदूत अवधूत वाको साको है मदाही जाको टेक रामनाम की॥ हनुमान देव सा न देव दया का निधान जानकी कृपा मंडार वुद्धि अभिगम की ॥ भक्तन्ह विश्राम भूमि भावना कल्पतरू कीरति उजागर करस म्यामा स्याम को ॥ पालो सिय रसिक सुमिरिये मारुति वीर आदि अंत धोर धाम पोर मेटै काम की ॥ ११३ ॥ दोहा । ग्रादि अंत अंजानतनय जोग छेम के रूप ॥ रक्ष्या करिये जनन्ह को तुम्ह समरथ कपिभूप ॥ नाम समै रम वद्धनो दार कवित्त यह जाणि ॥ प्याी प्यार पागा सुष रमिकन्ह प्रिय मद षानि ॥ इति श्री सिया लाल ममै रस वद्धनी कवित्त दान रा रत्न कत उत्तराद्ध समाप्त श्री सीतामाभ्यां नमः ॥ श्री सीतारामाभ्या नमः ॥ श्री सीतारामाभ्यां नमः॥
Subject.-श्रोगमचरित्र वर्णनपृष्ट १-८ मङ्गनाटक, अवध अष्टक, सग्यू द्वादश नाम, सायू प्रष्टक ।
, ८.१६ रामजन्म से राम विवाह तक की कथा का संक्षिप्त वर्णन । ,, १६-१८ वमन वर्णन, सिंहावलोकन, मिथिलापुरी की शोभा वर्णन,
अयोध्या से महाराज दशरथ का बरात के साथ माना। ., १८-२६ बरात का अयोध्या लौटना और अयोध्या में श्रीसीताराम
के सुन्दर चरित्र से पुरवासियों का आनन्द प्रांत करना।