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________________ 811 महान हरि सकन थान में एक समान समाना ॥ जिमि गोपीश ब्रजहि विहरत जिम नित मम सन्मुख कान्हा ॥ २ ॥ लीला विभव अनंत देत ऐश्वर्य अचिंत पुमान ॥ कुंजधाम हरि सम प्राणिन जिम होत दृष्टि पथ भान ॥ ३ ॥ विष्णुसखी जीवन मुविहारी तिम मुहि प्रति छन भासै ॥ जो त्रिसंध्य यह पढ़ ताहि तिम विहरत नित प्रकाशै ॥ ४ ॥ ५० ॥ इति श्राविष्णु संख्यापन्न श्रीरामनारायण विरचित श्रीमद्भागवत महापुराण दशम स्कंध भाषा कीर्तिमाला को अध्यायावशिष्टाष्टादश मरायं तरंगन नारदीय पुराणोक्त युगलकिशोर सहस्त्र नामान्य मणि समाप्तः ॥ APPENDIX II. Subject. -- श्री कृष्ण की स्तुति और प्रशंसा । No. 152. Janaki Pachisi by Rāma Nātha. SubstanceCountry-made paper. Leaves 5. Size-8" x 3". Lines page-11. Extent-165 Ślōkas. Appearance-Old. Character——Nāgari. Date of Manuscript - Samvat 1904= 1897 A. D. Place of Deposit-Saraswati Bhandāra, Lakshmana Kota, Ayodhya. per Beginning - श्रीजानकी जी के कवित्त पचीसी लिषते रामनाथ कृत श्रीसीताराम जू सद्दाइ कवित्त जनक सुदामा गिरि ताते यह संभव है देह दुति दिर्पात दमक प्रति नोकी है अवध प्रकास मै प्रकासित प्रचंड भई ताप अंधियारी गई जगजामिनी को है स्वामि सवकाई मैं विसेषि चंचलाई करै कौंध मरैषि छवि काम कामिनी की है राम घनस्याम के समीप ही में साहति है सिय है सुवेष कैधा रेष दामिनी की है १ चरन सरोज से सुरंग रंग साहति है अंग अंग रंग की निकाई दरसति है उमा रमा रति की लोनाई की समूहताई बाकी नेकु छवि को न छांह परसति हे कंज मीन पंजन के मेरी मातु गंजन है बड़े बड़े नैन ताते सामा सरमति है तन छवि कुंदन सेा मुषचंद चंदन सा भू में भूमि नंदिनी नंद वरसति है ॥ २ ॥ End.—छलै रामनाथ जन कवित्त पंच अरु बीस बनाया जनक सुता जग जननि जानको का जस गाया संकुल सुरसरि तोय तूलि त्रिभुवन अति पावन हर घर मैत्राप श्राप हर पाप नसावन दुष दोष दरन आनंद भरन सरन सकल संकट हरन कलि काम धेनु सुर देन सम अषित लोक कू मंगल करन २६ प्रीति सहित यहि सुनै गुनै समुझे समझावै भक्ति सुजन उर बैठ निपट निर्धन धन पावै तपसी तप फल लहैं जेाग जोगी जन साधै जगत जीति की चाह तान सिय पद्मवधै कलि काटि कल्प तर सिय सुजस सुकर्म वचन मन · उर धरै संसार
SR No.010837
Book TitleTenth Report on Search of Hindi Manuscripts for Years 1917 to 1919
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Bahaddur Hiralal
PublisherAllahabad Government Press
Publication Year1929
Total Pages532
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size38 MB
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