________________
292
APPENDIX II.
"
Subject. - पृष्ठ १-वंदना देवताओं की। | पृष्ठ ३७-राजा रानी चिंतावश हुए , २-देवी जू की स्तुति ।
हैं उसको तर्कना। , ३-छत्र सिंहासन वर्णन वाद- , ३९-द्वितीय स्वप्न हुमा । ___ शाही वंश।
, ४१-सखी प्रमोद। , ४-सैना समूह वर्णन । ,, ४३-मदन मुदिता रानी संवाद ७-देस गानु तीरथ देवता।
सुनि सुमति सागर मंत्री ८-काव्यकर्ता वंस।
को वाल कर आज्ञा दी। ___९-कथा प्रसंग।
| , ४४-बुद्धि विचित्र मादि (1) , १२-सूरसैन गर्भवास ।
सप्त सत चित्रकार पयान , १३-बाल लीला वर्सन ।
वर्णन । , १४-तिलक स्थापन ।
४५-सूरसैनि का विरह वर्णन । , १५--विजैपाल राज्य देश । , ४६-रघुवीर आदि राजपुत्र मंत्रो , १६-सिब वरदान ।
सूरसेन को उपदेश करते हैं। , १७-रानो पहुपावतो के गर्भ |
४८-राजा संदंह। में रंभावती का जन्म ।
, ५०-वुध विचित्र चित्रकार का
बैरागढ़ गमन । , १८-वैसंधि वर्णन ।
, ५४-बुध विचित्र सूरसैन संवाद। , १९-कामदेव रति संवाद। , २०-स्वम दर्शन, पंचवान चला।
, ५५-वुध विचित्र चित्र पुरसैन
को देता है। , २१-कामदेव का चंपावती नगरी रंभा के महल में पहुंचना
, ५७-प्रेम कथा वर्णन । __ रंभावती का काम दर्शन।
, ६१-सवारी कुतूहल ।
, ६४-मुदिता नाम सखी रंभावतो , २२-रंभावती विरह ।
के वर चित्र और उनका , २४-माकाश वाणी।
संवाद। , २५-वैद्यउकोपचार।
, ६७-राजा विजैपाल शुभसागर , २६-सबीउन्माद वखन, रंभावती
मंत्री को निमंत्रण और का विरह मदन मुदिता ने |
स्वयंवर की सामग्री को प्रगट कहा।
पाज्ञा देते हैं। , २९-मदन मुदिता रंभावती भेद , १८-मन मुदिता आदि अष्ट सखी पूंछतो है।
रभावती को गुण चातुर्य , ३१-दस अवस्था वर्णन ।
का उपदेश करती हैं। , ३२-चिन्ता प्रादि। ।, ७३-राजा विजै स्वभाव वर्णन ।