SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 292
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ APPENDIX II. 286 हस्मेन भावाचरणेन तालान मुखेन गीतं कथयन् मनोज्ञं मृदंग नादानुगतास्य तुष्टः ॥ पुष्टोदरः पातु स वा गणेशः॥ ६॥ दोहा ॥ वक्र तुंड विघनेस गुर जन नायक गननाथ ॥ श्री प्रताप नृप को करौ सदा प्रसन्न सनाथ ॥ ७॥ शुंडा दंड प्रचंड अति विघन विहंड गनेस | गिरिजासुत गजमुष गुरु दीजे गिरा सुदेस ॥ ८॥ सवैया ॥ सेस सुरेस महेसन में जिन ध्यान ते पाप कटै सुमहेस के ॥ कामनां देन को कल्पतरु भवसिंधु के तारन नाव सुदेस के ॥ गिरिजा धरि गोद लड़ाइ जिन्है सुष संपति पाई महा तहवेस के ॥ जो चहै सिद की या जग मैं भले भाव सौं सेइ ले पाव गणेस के ॥९॥ ___End.-नगधि मितक ॥ जगकिट ॥१॥ नगधि मितक डे डे ॥२॥ डन किट ट न क डे डें ॥ ३ ॥ तहां तक तक ताहं ॥ ४॥ किणतक ॥५॥ धिमिताहं ॥ ५॥ x x x तग तर चिंमि ॥ किट त गत गधि मि किट त गत गः ॥२॥ तत घिमि किट तत तम नग॥३॥ ता विमि किट त गत गत गगत ॥४॥ कुदरि कु कु कुत गत गधिमि ॥५॥ तग तग धिमि किट किटकिटट ॥ ६॥ तक थटि कु कु त गत गदां ॥ ७॥ नकु थरि कु कु धिमि कित ॥ ८॥ नग घरि किट कु कुदां ॥ ९ ॥ तरि कु कु किट नग ॥ १०॥ दा थरि दां दा थरि ॥ ११ ॥ धि. मिन कुन कडिणि किट ॥ १२ ॥ किड गिड दांथ रि दां दां ॥१३॥ तकु कु कुत कुन गदा ॥ १४ ॥ तगन गदां धिमि ॥ १५॥ किट नग किण धधि गिण थां ॥ १६ ॥ इति कणं स्था(न) षट का मुष ॥ इति नृत्याध्याय सम्पूर्ण ॥ Subject.-संगीत शास्त्र। मंगलाचरण तथा अन्य प्रशंसादि स्वर प्रकरण राग " ताल , प्रवंध , वाद्य " प्रकर्ण ,, नृत्य , ____No. 137(a). Hori Chhandadi Prabandha by Prema Sakhi. Substance-Country-made paper. Leaves-19. Size-7" x4". Lines per page-8. Extent-225 Slokas. Appearance 19
SR No.010837
Book TitleTenth Report on Search of Hindi Manuscripts for Years 1917 to 1919
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Bahaddur Hiralal
PublisherAllahabad Government Press
Publication Year1929
Total Pages532
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size38 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy