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________________ 282 मंगल करन अमंगन्न नाशन | जिन्हकी कृपा भयउ सम्भासन || श्याम स्वरूप नयन रतनारे ॥ लम्वोदर रूप उजियारे ॥ सेोभित तिलक भाल प्रति भाई || महिमा वेद विदित जगाई ॥ दोहा ॥ गन गंधर्व के ईस हैं, पूज्या सेस महेस दास पतित पर दया करो आप दिये उपदेस ॥ चैपाई ॥ सरस्वती चरनन के गुन गावां ॥ जासु कृपा ते दास कहावों ॥ आदि स्वरूप अगोचर काय || जिन्ह सह रची ब्रह्माण्ड निकाय || दोहा ॥ आदि स्वरूप के चरन मनावों याही पद र्धार सीस (1) विसरा अर्थ वाहू यही देव ग्रासीस || विद्या ग्यान विवेक नहि नहि वल वुद्धि उपाई (1) सर तुम्हारी आयऊं जननी होहु सहाई ॥ ४ ॥ APPENDIX II. End. - भूला बिसरा अक्षर घाटी बाढ़ी जो होई (1) मोपर रिस जिन कीजिये जारै लायक साई ७८ अपनी अपनी बुद्धि है ग्यान ग्रगम जस होई (1) चूक हमारी छमा करि जस पद दासी होई ॥ ७५ ॥ सारठा ॥ यहि गहि करिये चारु चैगुन आगे गुन है (1) निसुदिन तत्व निहार वार वार गुर पद चहै ॥ इति श्री (गीता जोग तंत्र मंत्र स्वासा भेद जोग वर्णने अजोध्या वैस्य संवाध अर्थ गुप्त गुटका स्वामी पतित दास कोत संपुर्ण ॥ Subject.—ज्ञान आध्यात्मिक तथा यंत्र मंत्र श्वासा भेद और योग का संक्षिप्त वर्णन | No. 134. Maha Nataka Bhasha by Prānachanda Chau hāna. Substance-Country-made paper. Leaves – 132. Size 81" x 6". Linos per page - 20. Extent 2,475 Ślokas. Appearance-Very old. Character-Kaithi. Place of Deposit-Pandita Daya Sankara Pāṭhaka, Rāma Dāsa kī Mandi, Mathurå. Beginning. -उपमा भुज वल कहां लौ कहंहो । तीनो लोक शरनागत रहों । अम्यां पिता गये वनवासा ॥ छाड़ि राज वनखंड निवासा ॥ १ ॥ वाक कह लीला मनि दीन्हा ॥ शंकर धनुष तारि कै लीन्हा ॥ १ ॥ कपिन्ह साथ लै सागर वांधा ॥ लसकरान मारे दसकांधा ॥ १ ॥ लोग शील इहां लौ कीन्हा || बनवास सीता कह दीन्हा ॥ १ ॥ शारद चरन मनाय के करि गणेश का ध्यान ॥ राम कथा कछु कहत है प्राणचंद चौहान || पहिले वालमीक कवि कीन्हा ॥ राम जन्म पाछे कै लीन्हा ॥ १ ॥ हनीवंत बुधि देखि कै भाषा (1) सा कीतं वालमीक नहीं राषा ॥ शकबंधी वल विक्रम भारी | कालिदास पंडित अधिकारी ॥ वारेड वामक फल माहा ॥ उधारेउ विक्रम सेति नरनाहा ॥ कालिदास अक्रूर सव वांचा ॥ नीर्तत होय नाटक लग नाचा || कथा रसाल करत मनमाना ॥ सुर्ज वंश कर करौं वखाना ॥
SR No.010837
Book TitleTenth Report on Search of Hindi Manuscripts for Years 1917 to 1919
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Bahaddur Hiralal
PublisherAllahabad Government Press
Publication Year1929
Total Pages532
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size38 MB
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