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________________ 270 APPENDIX II. चालीस ॥ ३॥ राम नाम जस रहित जे विद्या व्रत तप दान । ते दुखप्रद सव जानिये कह जु वेद पुरान ॥ ४ ॥ ___End.-अथ सुमासुभ विचार ॥ अष्टादस जू सत अरु उनतीस मिलाई भादा चौदसि वार गुरु कृपा पक्ष सुषदाई ॥५०॥ इति नारायन दास कृत छंद सार संपूर्ण अथ गन स्वरूप ॥ अथ अन्य ग्रंथे द्विगण विचार ॥ मगन नगन द्वै मित्र हैं भगन यगन द्वै दास ॥ सगन रगन द्वै सत्र हैं जगन तगन समवास ॥ छप्य ॥ ५१ ॥ सिद्धि मिले द्वे मित सेवक जय जानहु ॥ मीत उदासी मिलित छ लकन मानहु मिलै मित्र अरु सत्रु वहुत पीड़ा उपजावहि ॥ दास मित्र का मिलत काज सिधि को नर पावहि ॥ हसकल नास द्वै दास जंह हानि दास सम के मिले ॥ हरि राम भनत ह हानि सहि दास सत्रु जा द्वै मिले ॥१॥ उदासीन अरु मीति मिले साधारन जानहु ॥ सम सेवक तें विपति दप्य सम निरफल मानहु ॥ सम परि हात विरोध सून्य फल सत्रु मित्र जंह ॥ रिपु सेवक तियनास सत्रु सुम मिले हनि लहं ॥ जहं परत जानि रिपुगन युगल परतछ प्रभु हरना जु वह ॥ कवि विचारि गनि गन धरहु हर x x x x मन भय राजा चारि गन सुभ फलदायक हाइ ॥ रजत सगन ए असुभ फल दायक जानिये साय ॥ १॥ हज घ गण ख म घर गाठ ये अछर असुभ के दांनि || कवित आदि कवि जन क भूलि न कवहूं पानि ॥२॥ इति पिंगल छंद सार ममाप्तं नारायण दास वैषणव कृत । शुभं भूयात् । आषाढ़ माशे सुकल पक्षे दशम्यां चन्द्रवासरे अलेषि ज्वालादत्तन पठनाई ममापि च संवत् १९२५॥ Subject.-पिङ्गल। No. 123(b). Chhanda Sāra by Nārāyaṇa Dāsa. Substance-Country-made paper. Leaves-7. Size 103" x 51". Lines per page-12. Extent-180 Slokas. AppearanceOld. Character-Nagari. Place of Deposit-Saraswati Bhandara, Lakshinana Kota, Ayodhya. Beginning.-श्रीसीतारामाभ्यां नमः अथ छंद कवित्त को विषै ॥ दोहा ॥ श्री हरि गुरुपद कमल को वंदि मनोग्य प्रकास ॥ छंद सार यह ग्रंथ सुभ किया नारायन दास ॥१॥ प्रथम कहे गुरु लघु वरन कुंदन पुनि गन रीति ॥ छंदन के लछन कहे उदाहरन हरि प्रीति ॥ २॥ पिंगल छंद अनेक है. कहे भुजंगम ईस ॥ तिन तै लियै निकार मैं द्वादस अरु चालीस ॥ ३॥ राम नाम जस रहित जो विद्या व्रत तप दान ते दुषप्रद सव जानिये कहे जु वेद पुरान ॥ ४॥ हरि जस रहित जु काय हू अंत न पादर देत ॥ उदाहरन हरि नाम जस मिले कहे एहि हेतु ॥५॥ अथ लघु गुरु लछन ॥ मात्रा रहित सु जे वरन ते सव लघु करि जान पीछे कि कुमात्रा
SR No.010837
Book TitleTenth Report on Search of Hindi Manuscripts for Years 1917 to 1919
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Bahaddur Hiralal
PublisherAllahabad Government Press
Publication Year1929
Total Pages532
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size38 MB
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