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________________ 266 APPENDIX II. ___No. 113. Pattali by Mohana Lala Dwija. Substance -Country-made paper. Leaves-5. Size-5" x 48". Lines per page 7. Extent 60 Slokas. Appearance-Old. Character-Nagari. Date of Composition-Samvat 1800 = A. D. 1743. Place of Deposit-Pandita śyāma Lāla Sarmā, Secretary Śri Brajarāja Pustakālaya, Baladeva (Mathurā). __Beginning.-श्री गणेशायनमः उँ एक रदन वारन वदन सदन वुदि गुण गेह गवरि नंद पानंद दें मोहन प्रणति करेह १ गुरु सारद के गुन गिना भूले वरन वताय अक्षर गन समझा नहीं ताते होउ सहाइ २ अव जनेत सजि के चलो वनि वनि विविध वनाय वरना(ना) आदि वरात सव वरतर उतरी आय ३ पाग्यानी तारन भयो करो याह तिहि वार भयो प्रात छोनी क्षया अब वरनौं वड़हार ४ सव सजन पाए तवें ठाड़े समधी द्वार हसि हसि के श्री नंद सा मिलि २ करत जुहार ५ उम(m) ग्रंभ झारी भरी सो(सियर सलिल समाइ चंदन चौकी चारु चेलमे(लगे) चरन तव धोइ ६ थांभ तरें वैठे सवें अति प्रसन्न हरवाई करत परस्पर वीनती पंखा पौन दुराइ ७ पत्तन्नि पत्र पलाश की पत्रि २ रचो मुधारि सेाने हो की सोंक मां गुरुवर गुही सुनारि ८ ते पत्तलि प्रति २ सवें सबके अग्र धराइ षटस व्यंजन त्रंश षट तवें दये पुरसाइ ९ इतने पे वर सुंदरा हिलि मिलि गांन कराय पातुर से पारि सवें वांधी जुगति लगाय १० छंद त्रिभंगो छुट्टै मुच पेरा मेवा गेरा अंवाकेरा रुचि मानी बंधा शुभ वेंनी चितवनि पेंनी काम त्रितेनीवर वानी छुट्टे जुग लडूमा जलके गया भोजन मडूया घोव घनौ वंधो शिर सारी गल खगवारी कानन वारी कितै गिनी ११ छुट्टै लघु दांने पांन चवांने कथा सांने पुंगधरी बंधी गल दुलरो माला तिलरी फोदा फुनगे लाल हरी छट्टे मुंग भाता सुंदर ताता सिखरनिसाता दूरीहें है) बंधैौ गज चाली चुगे. (रि)यां काली जरद ज(जं)गालो चूरोहै १२ छुट्टो जु जलेवी दूध रकंवो वरफी देवी मिरच घनी बंधी कटि जालं उरज विशालं महदी लानं भलो वनी छुट्टी सु सलौनो नान अलोनी पुनि मिरचीनी तुरसाई बंध तव चलं तेल फुटलं हार हमेलं उरछाई १३ छु जु गिदौरा दहा दहारा बटे पकौरा होंग टई वंधौ नथ मोती जगमगजोती तिमनो पोती नील नई छूटे अति गुजा मिश्रि कंजा पापर भुजा तरकारी बंधी कसिनीवी अव कम कीवी हिंगुरडीवी हे प्यारी १४ छूटी जु कचौरी मठरी धौरी फैनो चौरी चारु भई वंधै। मंजोरं मन गन होरं मुख में वीरं अरुणमई छटो हे चदी(दि)यां वर गुर मड़ियां खोवा पिडी(डि)यां पक नये वधौ मति धीरं नाभि गंभीर दक्षिण चीरं सुभग नये १५ छुटो सुकि दुरो शीरा पूरी मेथी मूरी सेम फरी कंधो मुख नीकी काजर टीकी भूषन ही की
SR No.010837
Book TitleTenth Report on Search of Hindi Manuscripts for Years 1917 to 1919
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Bahaddur Hiralal
PublisherAllahabad Government Press
Publication Year1929
Total Pages532
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size38 MB
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