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________________ 254 APPENDIX II. No. 111. Chitra Kūta Mahātmya by Mohana. Substance-Country-made paper. Leaves-36. Size-8" x 3" inches. Lines per page-12. Extent-870 Ślokas. Appearance-Old. Character—Nagari. Date of Composition —Samvat 1898=A. D. 1841. Place of Deposit—Saraswati Bhandara, Lakshmana Kota, Ayodhya. Beginning. - श्री रामचंद्राय नमः अथ लिष्यते चित्रकूट महात्म भाषा सेrरठ सुमिरौं सिध्ध गनेस विद्यावर श्रुति सारदा पुनि वंदी गिरिजेस जिन्हें रामजस धर्म प्रिय १ सेसहि करौं प्रनाम सहसानन हरि जस कहत पुनि वंदा सियाराम गिरा प्रेरि कवि ददै जिन २ दो० पुनि निज गुरु के चरन रज वंदी वारहि वार जासु क्रपा ते विमन्न मति वरनों चरित उदार ३ चौ० पुनि संतन के चरन मनाऊं जिनकी क्रपा विमल मति पाऊं पुनि विप्रन के चरन प्रनामा सकल भांतिदायक विश्रामा चारि पानि जग जीव घनेरे मन क्रम वचन राम के चेरे बंदी तिनके चरन साहाये जिन्हें सदा रघुपति मन भाये व्यास आदि मुनि अरु जावाली वालमीक मुनि काव्य सुचालो और गम रहम रस माते सदा सुनत गावत सुषमा तिनके चरन वंदि मन माहों कहत सुनत जिमि सवहि साहाहों To मोहि न निज मतिलव कछू मुनि जन निज ज (न) जानि सुगम ग्रगम तीरथ सकल मोहि परै पहिचानि ४ End. — कुडरिया कामद जाके हृदै मे वसत रहै दिन रैन तिनको मन अनुकामना पुजवत करुना चैन पुजवत करुना चेन दैन निज दास विचारी ताकी सुधि दिन रैन करै सेवक सुषकारी कहि मोहन यह छंद सुनत संतत सुषजामत पूजै मन को आस कपा करि चितवत का ( मत १ कोरि कोरि जन्मन ते जारि जारि पातक जे चारि चारि रावे मरि कोठरी करोरन में जैसे सूम धन को अगर न पावे और चार लेख चारि जोर नोन्हे तड़कारन में की कठोर डाकूदार भयो लिये छोनि छोर जिते पापहू वटारन में पाप ताप पै सुनि वारि वारि देहों बहाइ जो तरंगनी हलोरन में १ चित्रकूट चार मोहन कहत Subject. -१ वंदना - श्री गणेश, शारदा, शिव, शेष, सियराम, गुरुदेव, संत, विप्र, सांसारिक जीव, मुनि, व्यास, वाल्मीकि यादि ऋषि कामदनाथ आदि की । २ - कथा माहात्म्य - कागभुशुण्डि और शाण्डिल्य मुनि का संवाद । ३- चित्रकूट माहात्म्य | Note. — निम्मायकाल - फाल्गुन सुक्ल एकादसी वुधिदायक बुधवार । श्लेषारिछ जोग धृति कीन्हा ग्रंथ प्रचार ॥ अष्टादश पठानवे परधावी जह नाम । तेहि संमत मोहन क (ह) त वसत अंतरी ग्राम ।
SR No.010837
Book TitleTenth Report on Search of Hindi Manuscripts for Years 1917 to 1919
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Bahaddur Hiralal
PublisherAllahabad Government Press
Publication Year1929
Total Pages532
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size38 MB
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