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________________ APPENDIX II. 259 ___No. 110. Bahula Katha by Mani Sinha Kavi. Substance -Country-made paper. Leaves-9. Sizo-5" x 21". Lines per page-10. Extent-200 Slokas. Incomplete. Appearance-Very old. Character-Nagari. Date of Composition-Samvat 1805 = A. D. 1748. Date of ManuscriptSamvat 1847 = A. D. 1790. Place of Deposit-Pandita Rāmēswara Datta Śarmā, Assistant Teacher, High School, Rāya Baraili. Beginning.-श्री गणेसायनमः ॥ दोहा ॥ गणनायक सारद सुमिरि हरि हईस्वमस्यमा ( हय स्वामी स्याम ?) किन्ह च है। वहुला कथा करि सब सुरन्ह प्रनाम ॥ १ ॥ संवत दस ले पाठ से पांच अधिक मधु मास असित सप्तमी सिंह कवि कीन्हो कथा प्रकास ॥ २॥ सरिता सब सागर सहित तीर्थ समेत प्रयाग । जहां तहां हरिहरकथा मुनहि सहित अनुराग ॥ ३॥ चौपाई ॥ वैसंपायण ऋषिवर रहहों। जन्मैजय भूपति सन कहहीं। सरसज्या भीषम जव आये । भूप युधिष्ठिर पद सिर नाये ॥ कहहु पितामह पूछत राजा वहुला कथा कहहु मम काजा ॥ राजधर्म सुणि भोपम कहती। श्री वन सुनत नृपति तव रहहीं। व्याघ्र काम त धरि जव पावा तासु घेणु संवाद सहावा ॥ यमुना तट कानन वर रहही । मथुरा पुरी वसत तहां रहही ॥ पुन्यवान सुंदर नरनारी। वरण चारि वस आश्रम चारा ॥ दोहा॥ धर्म धान्य धणु जुक्त सव नित नव उत्सव जाग नितत गावत रहत xxx ___End.-भीषन यह इतिहास सुनावा। भूप जुधिष्ठिर सुणि पात जावा । बार हि वार पितामह बंदउ । मिटे नाथ मम पातष भइऊ । पावन पर्म कहेउ व्रत पहू ॥ जासु कि सुष विग्णसे दह ॥ मानि सिंह कवि द्विज अभिनाषा । दे(ब) मंसकृत कीन्हेउ भाषा ॥ दाहा॥ कान्ह वंस कवि साकै नगर पावरे पास । छत्री िितपति भूपकुल आदिनाथ को दास ॥ १८॥ पोथी ग्यान सन्द्र है जो गावै गुण ग्रंथ (गाथ)। ताकी महिमा वड़ी है सदा राम को साथ। इति श्री भविष्योत्तर पुराणे का दुलायाघ्र संवादे । इति कंस (कृष्ण) कथा संपूर्ण सुभमस्तु । संवत १८४७ आषाड़ वदी एकादसी राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम ॥ Subject.-भविष्योत्तर पुगणान्तर्गत कांदुला व्याघ्र संवादे वहुला कथा का संक्षिप्त वर्णन पद्यो में । बीच के कई पत्र नष्ट हो गये हैं। प्रतएव प्रति के खण्डित हो जाने के कारण कथा का क्रम निश्चित नहीं किया जा सकता। Note.-कवि मान सिंह द्विज उपनाम 'सिंह" ने अपना परिचय अंत में दिया है। 17
SR No.010837
Book TitleTenth Report on Search of Hindi Manuscripts for Years 1917 to 1919
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Bahaddur Hiralal
PublisherAllahabad Government Press
Publication Year1929
Total Pages532
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size38 MB
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