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________________ 250 APPENDIX II. Slokas. Appearance-Old. Character-Nagari. Date of Composition-Seventeenth century. Place of Deposit-Baba Mahadeva Dasa, P.O. Kada, District Allahabad. Beginning:-श्रीगणेशाय नमः । श्रीरामचन्दाय नमः । श्री राम मलूक जी सहाय । श्री राम औतार लीला । मलूक रामायन लीषते । सूर्ज वंस्वध्वजो राम काकुस्थो नित्य सदगुणार्णव । श्वस्थाश्रयः रत्नगर्भा रत्न धर्म धुरंधरः राघवः ॥ दोहा॥ निरंकार अविनासी प्रनो दुइ कर जोरी। जाकी सरनि सदा सुष भ्रमै नही मति मारि ॥ चौपाई ॥ नन अजोध्या दशरथ राजा । कोन्हो जग्य पुत्र के काजा ॥ गुर वशिष्ठ मादिक ऋषि आये । तिनके अधिकारी सिंगी ऋष भाए । स्यामकरण पक अस्व मंगावा । सानपत्र तेहि सोस बंधावा । ता पर पानि लिषी सिंगी रोष । सब कोई मानो हमारी सोष ॥ दोहा ॥ सुरपुर नरपुर नागपुर अस्व फिरो तिहु लोक अस्त्राधर शस्त्राधर विषधर कोइ न राषने जोग ॥ चौपाई ॥ पाए नृपति अस्व के पाछे । जग्य अरंभ करी रिषि पाछे ॥ प्रथम जग्य कीन्हो सींगि रिषि ॥ पुनि रिषि होमन लागे आमिष । ग्रामिष सब कपूर की बासा। उठेउ गंध सुर लोक नेवासा । पुरा जग्य कियो रिषि जबहीं। भाग लेन पाप सब तबहो। जग्य पुरुष वेदी ते निकसे । उदित बदन जनु पंकज बिगसे ॥ तन घन स्याम वावरी सीस । ब्रह्मा विष्णु रुद्र के ईस । सिषा सूत्र मृग आसन कांधे। मुंज जेवरी कोट पर बांधे ॥ विधिवत द्वादश तिलक बनाये । वैजन्ती माला उर नाये। कनक थार उर लीन्हे पाहो ॥ जौ कर पीर संघ ता माही। End.-वचन मेटि मम लछमन पाये । यह सुनि लछमन मरन सिधाये। प्राण गंवायो स्वर्ग दुवारी मिले रूप कहं पापु विचारी । राम दूत एक नग्र पठावा। ग्रह ग्रह प्रति सब सेा कहि पावा । राजा राम चलत निज धामहि । चलो संग जो होइ नि:कामहि । सबे चले करि जे जे कारा। रहि गये बनिया और सानारा । सारठा । ब्रह्मा विष्णु महेस । सभहिन मिलि आगे लिया। कियो धाम परवेस । कहै मलूक अविगत हरि ॥ इति श्री रामौतार लीला रामायन मलूक कृतं संपूर्ण लिखितं श्रीराममलूक किंकर भगवान दास । जो देषा सा लिषा मम दोषो न दीयते ॥ Subject.-रामचरित्र वर्णन । पृ०१-मंगलाचरण । पृ० २-४ राजा दशरथ का पुत्रयेष्ठि यज्ञ । पृ० ४-६ राजा का अपनी रानियों का खीर देना । रानियों का गर्भवतो होना, रानियों के गर्भ में राम लक्ष्मण, भरत शत्रुघ्न का पाना, तथा संसार में
SR No.010837
Book TitleTenth Report on Search of Hindi Manuscripts for Years 1917 to 1919
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Bahaddur Hiralal
PublisherAllahabad Government Press
Publication Year1929
Total Pages532
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size38 MB
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