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________________ APPENDIX II. 237 "कियो जहाज दृढ़ भई सवन को चाह ॥ ४ ॥ ताहि पाइ सुर मुनि सवै पित्रन परमानंद || न स चाहत क्रिया राम चरित सुषकंद ॥ ५ ॥ करि विचार धार तव गए रुद्र के पास ॥ करि प्रनाम विनती करी करहु सफल मन ग्रास ॥ ६ ॥ राम सुजस अभिराम तुम कोटि कल्पतरु आहि ॥ तुम दयाल सव विधि वड़े वांट दीजिये ताहि ॥ ७ ॥ End. - लक्षन कवि कछु कवि नहीं ग्रल्प न मत गंभीर प्रकृति चपल ते कह उठ्यो यो सय रघुवीर १६ संत महंत जं राम के नाम रसिक सिरमौर । सुधार त्नीजं परत सत ग्रंथनि करि गौर ॥ १७ ॥ आदि गौर कुल के विषे अद्या पुरी निवास जन्म कर्म उपवीत दै लक्ष कोन या घास ॥ १८ ॥ विक्रम संमत सहस जुग घाटि साठ तेतीस । भाद्र सुक्ल रिषि पंचमी भौम स्वाति सुर ईस १९ ग्रंथ समाप्त कीन मैं ता दिन सुषद सुधान स्वर्ग द्वार सरजू अवध नागेस्वर स्थान ॥ २० ॥ नाम रत्न दोहावली धरसो सु याको नाम । माक्षादिक फल देत है। राम भक्त विश्राम || २१ || लिषै लिषावे प्रेम जुत पढ़ पढ़ावै लोग राम के नाम प्रताप से होइ परम पद जोग ॥ ११२२ ॥ इति श्री लछिमन रामानुजदास गौड़ ब्राह्मन कृत राम रत्नावली दाहावलो मुक्तिमाला संपूर्ण लिषि पौष मासे शुक्ल पक्षे षष्टम्यां तिथैा भामवासरे सतभिषेरिक्षेस ः १९१४ शाके १७७९ निर्मली कुंडे शुभस्थाने श्री सरजू तटे अजोध्या विश्रामे स्तु मंगल सोताराम जू की सरनागत जैति ॥ १ ॥ Subjcot. - श्री रामनाम महिमा । No. 103 (b ). Hanumāna Ji ka Tamāchā by Lakshmana. Substance-Country-made paper. Leaves-13. Size -6 inqhos x 42 inches. Linos per page-16. Extent-160 Ślōkas. Appearance-Old. Character-Nagari. Date of Manuscript - Samvat 1909 = A. D. 1852. Place of Deposit - Saraswati Bhandara, Lakshmana Kota, Ayodhya. - Beginning. - श्री गणेशाय नमः ॥ श्री रामचंद्राय नमः ॥ दोहा ॥ श्री राम द्रुत मजबूत प्रति प्रवत्न महावलवान ॥ जै जै जै श्री पवनसुत राम दूत वलवान ॥ रिपु रावन के कटक में करो घार घमसान | कवित || आप वीर लग्न पछार मारे धरन गिरे हैं मुख भरन दनुज बान खान के ॥ केते भागे घरन केते हैं लागे डरते हैं गए सरन रावन वलवान के ॥ केते दाव चरन मिरोर डारे करन केते नागे करन कर दनुजान के ॥ कहत लक्षण कवि योगिनी वैतान नाचे वाचे कौन असुर तामाचे हनुमान के ॥ १ ॥ चटक चटक वोर धीर रघुवीर जी की 16
SR No.010837
Book TitleTenth Report on Search of Hindi Manuscripts for Years 1917 to 1919
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Bahaddur Hiralal
PublisherAllahabad Government Press
Publication Year1929
Total Pages532
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size38 MB
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