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APPENDIX II.
___No. 97. Sara. Chandrika. by Kisori Ali. SubstanceCountry-made paper. Leaves-106. Size-6 inches x 43 inches. Lines per page-12. Extent-795 Slokas. Appearance-Old. Character-Nagari. Date of CompositionSamvat 1837 or A. 1). 1780. Place of Deposit—Śrī Dévaki Nandanāchārya Pustakālaya, Kāmavana, Bharatapur.
Beginning.-श्री कृष्णायनमः श्री गोपीजनवल्लभायनमः ॥ सारठा ॥ जय जय भानु कुमारि जय राधा असरन सरन ॥ अपना विरद विचारि प्यारी पालतु दीन जन ॥ १ ॥ कीरत जली वदार करुणानिधि जस रावरा छाप्यो जगत अपार वंशी अली की स्वामिनी ॥२॥ गोगे रूप निधान प्रीतम की प्राणेश्वरी तुमहा परम सुजान करिये कान जन वीनती ॥३॥ जयति कृपा की रासि जयति निज विहारिणी कीजै निज पद दास कुवरि किशोरी अली कां ॥४॥ स्वामिनि स्वजस प्रकाश छाइ रह्यौ तिहु लोक में अव श्री वनको वास लली अली को दीजिए ॥५॥ जय वृन्दावन धाम जय यमुने रवि नन्दनी सव विधि पूरन काम करन हरन वाधा सकल ॥ ६॥ जय ललिते सुकुमारि जय वंशी गुरु रूपये मेरी ओर निहारि हाहा छमिवो अपराध को ॥ ७॥ शरनागत प्रतिपाल राधे गाये रसिक जन वृथा जात यह काल दरस दीजिये वेगि मोहि ॥ ८॥ रंग रंगीले संत रंगे जुगल रस रंग में तिनको सुजस अनंत तदपि यथा मति गाइयौ ॥ ९॥ ___End.-२६९ ॥ दोहा ॥ जिनके हिय हरि भक्ति की म * * .
हिमा को ज्ञान तेहि करैहैं ग्रन्थ को मोद पाय सनमान ॥ छप्पे ॥ अष्टादश तेहि सत उपर सैतिस जानिये । सजन जन सुख दानि ये है सम्वत वषानिये ॥ मार्ग शीर्ष शुभ मास पक्ष शुभ करणी । मङ्गल मङ्गलवार सुतिथि दुतिया मन हरनी ॥ यह सार चन्द्रिका समई वैष्णव महिमा शुभधरी । अलोक साहई गुरु कृपाय जाय पूरन किरी ॥ इति श्री किशोरी अली कृत सार चन्द्रिका समाप्ता ॥ २७१॥ दाहा॥ अमृतसार यह चन्द्रिका हरिजन विमल मयंक । क्षेमदास की पास यह जस लखि होय निसंक।
Subject:-सन्त, सत्संगति, भक्ति और हरि भक्तों की महिमा ।
No. 98. Sri Radha Ramana Rasa Sagara by Kisori Dasa. Substance-Country-made paper. Leaves—27. Size-8.1 inches x 3 inches. Lines per page-20. Extent-625 Slokas. Appearance-Old. Incomplete. Character-Nagari. Date of Composition-Samvat 1757 or A. D. 1700. Date of