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________________ 212 APPENDIX II. ताते लहा वारा नो पारा ॥ समौ ॥ ध्रमदास वीनती करै सुनु समरथ वीनै हमारो ॥ वारा पार जाते रहे। साहब कहा सुधारी॥ ___End.-सुनत भागवत गीत तुम नोके मारे सनमुष सब तुम्ह फोके उतते लोभ जो प्रगटे आई अब हम तुम्हें जनो के पाई तुम्ह जीनी जनौ क्रोध वा कामा मैं अप्रवल लोभ मोर नामा क्षा(छा)डो ज्ञान हमारो ठाऊं नाहि तो ताही काचै धरि षाउं समी तुम जेनी जना काम क्रोध है लोभ अती मारा नावा जाहु वाहुरी वीवेका पाहनहो तो धरि षावा चौपाई पासा सुनी ज्ञान मंच एक कीवा वहुरि वीवेक रह यह गयवा राज मंत्रा करौ ठहराई लाभ न माप जीत ना जाई ॥ 'अपूर्ण Subjeot.-ज्ञानोपदेश । कवोर माहब के पद । No. 93 (a) Sringāra Rasa Mādhuri by Kalānidhi KrishụaBhatta. Substance---Country-made paper. Leaves--51. Size --8 inches x 4 inches. Lines per page--32. Extent-- 2,400 Slokas. Character--Nagari. Appearance--Old. Date of Composition- Samvat 1769 = 1712 A. D. Place of Deposit --Bhatta Magana Ji Upādhyāya, Mathurā. _Beginning-from page 30 खण्डित । अथ प्रिया का प्रछन्न पूर्वानुराग ॥ गवरे रस रंग उन आंगन सगलहि महा घर रंग हृते अति गति रंगी है ॥ रूप जल मांझ तिरै लोक लाज सा न घिरै भूली फिर गेह सों सनेह सगवगी हैं ॥ लाल लखि हाल इन्हें कीजिये निहाल विन देपे ये विहाल नट सालन सां दंगी है ॥ मोहनी के मंत्र लगोवैही मृदु हास पगो प्रेम के ठगारी ठगी रैन दिन जगो है ॥ यथावा ॥ रहै तरसांइ रोइ रोइ सरसाई अति नाही नर ॥ ४ ॥ सांई नेक रूप दरसाउरे ॥ उठि उठि धाई लोक-लाज विसराई वरजी न चित लाई प्रानि तुही समुझाव रे ॥ नेह कै लगाई इनो इनो के जगाई प्रांच जात न बुझाई तुहिं पान के बुझाव रे ॥ मोह जाल आई भई आर्षे दुष दाई असे ते ही उरझाई अब तुही सुरझार रे ॥ End.-दोहा ॥ यहि विधि प्रौरा रसन में दुषन लेहु विचार हि ? तिन को अंस निवारि कै कोजै कवित संभारि ॥ १४ ॥ वला वंध पतिसाह को हुकुम पाह वहु भाइ । करौं ग्रन्थ रस माधुरी कवी कला निधि राई ॥ १५ ॥ संवत सत्रह सै वरष उनहत्तर के साल सावन सुदि पुन्यो सुदिन रच्या ग्रन्थ कविलाल ॥ १६ ॥ छत्र महल बूंदी तषत कैौरि सूर ससिनूर बुद्ध वलापतिसाह के कोनों ग्रन्थ हुजूर ॥ १७॥ रूप सयन गुन सदन यांन भूपनि हंसि पेषत ॥ विप्र धेन हित सजत
SR No.010837
Book TitleTenth Report on Search of Hindi Manuscripts for Years 1917 to 1919
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Bahaddur Hiralal
PublisherAllahabad Government Press
Publication Year1929
Total Pages532
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size38 MB
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