SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 217
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 208 APPENDIX II. पश्चात सैन भोग सैनाति करि के सैन कुंज श्री जुगल सरकार सैन किये यह सुष में चित दिये अनन्त सुष प्राप्त करे श्री चन्द्रकला जू अथवा सद्गुरु निज रूप के आज्ञा पाय युगल सेव चरण सेवन करि सद्गुरु निज रूप के चरण संवा करि अपनी कुंज में प्रानि याही सुष में सैन करि प्रानन्द करै इति श्री जीवा रामेण कृते अप्टयाम समाप्तम् शुभमस्तु लिखतं लाला गमनारायण चित्रकूट के रहनेवाले जा वाचै सुनै ताका सीता राम ॥ Subject.-श्री सीताराम की अष्टयाम लीला का ध्यान । ___No. 91. Rama-Charita Dohāvali by Jugala Prasada Chaube. Substance-Country-made paper. Leaves—13. Size-5 inches x 24 inches. Lines per page--11. Extont--135 Slokas. Appearance--Old. Character---Nagari. Place of Deposit--Saraswati Bhandara Lakshinana Kota, Ayodhya. ___Beginning:-श्री गणेशायनमः अथ श्री राम चरित्र दोहावली लिष्यते दाहा प्रथम सुमिरि गणपति चरण करन सकल कल्यान समिरि शिवा शिव संत सब करहु राम गुण गान १ यह जग मै कछु है नहीं तनु मै नहि कछु ठीक सब तजि इक मेरे मतै गम भजन सुठि नीक २ सारठा । बहु पुरान सुनि कान चौवे जुगल प्रसाद नै हरि समान नहिं पान जानेउ निज मन ठीक है १ तुलसीदास प्रसाद मा हिय हुलसी सुद्ध मति जन्म मोर जग वाद बिन रघुवर कीरति कहैं २ दोहा कंह रघुवर कीरति जलधि मनिमन अगम विचार कहा मार अति मलिन मति किहि विधि) पैहों पार ५ तहां एक कारण सुलभ रघुपति चाहति भाउ विना भक्ति रीझति नहीं कोटिन करै उपाउ ६ मारा एक कहाँ सवै जो निज कीन विचार तुलसी कृत कविता सुगम मारग मे कह सार ७ End.-स्वारथ के साथी सबै मै मन दीष विचार कवि गंगा परसाद कहि राम भजन इन मार ८३ तनु तरुनी धरनी तनय हय गय मुष धन धाम कहि गंगा परसाद जग सकल झूठ बिन राम ८४ तजि संसारी के सकल सुख सम्पति रति नार । भजन करो श्रीराम को कहि गंगा परमाद ८५ कपट छाडि रघुवीर के चरित कही दिन रैन कवि गंगा परसाद कहि जहा जाउ तह चैन ८६ और देव सुमिरौ नहीं सपनैहूं श्री राम द्विज गंगा पर साद को काहू सै नहिं काम ८७ मैं अपने मन की कही अन्तरजामी राम कवि गंगा परसाद तव मन वच करम गुलाम ७८ इति श्री राम चरित दोहावली समाप्ता ॥ ९०॥ . Subject.-गोस्वामी तुलसीदासकृत रामायण के अाधार पर श्री रामचरित्रं वर्णन।
SR No.010837
Book TitleTenth Report on Search of Hindi Manuscripts for Years 1917 to 1919
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Bahaddur Hiralal
PublisherAllahabad Government Press
Publication Year1929
Total Pages532
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size38 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy