SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 204
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 195 रस में मगन है समीप सेा क्षण मात्र टारि नहि सकत परंतु तत्पुष नेत्र है ताही आलस भरे देखि कै श्री महाराजाधिराज श्री महारानी जू में कहत भये व कुंवरन को अरु.... 'अपूर्ण' Subject. श्री सीता राम की प्रष्ट याम लोला वर्णन । पृ० २ प्रातरुत्थान वर्णन । पृ ३ पृ० ४ ६ APPENDIX II. " ८ ९ ******. प्रातः मंगलाचार वर्णन । दन्तमञ्जनादि कथा वर्णन । स्नान लीला वर्णन । कलेवा भाजन वर्णन । पृ० पृ० पृ पृ० पृ० १० पृ० ११ पृ० १२ पृ० १३ मध्याह्नोत्तर लोला वन । No. 83 (7). Sita Rama Siddhānta Muktāvalī by Janaka Kisori (Rasika Ali). Substance-Country-made paper. Leaves-26. Size-93 inches x 4 inches. Lines per page-8. Extent—650 Ślokas. Appearance - Old. Charactor - Nagarī. Place of Deposit-Saraswati Bhaṇḍāra, Lakshmana Kota, Ayodhya. वसनाभूषण धारण वर्णन । रहस्य- सभा कुंज वर्णन । भेाजकुंज भेाजन लीला वर्णन । शयन लीला वर्णन । मध्याह्न शयनेात्थापन लीला वर्णन । Beginning.—श्रो जानकीवल्लभो विजयतेतरां ॥ श्रो मन्मारुत नन्दनायै नमः ॥ श्री गुरुवे नमः ॥ श्री जानकी रघुनन्द रसिकायै नमः ॥ कधिपकिटमपि विलसित पद नख रघुतैः ॥ श्री मन्महाराज सार्वभौमस्य पंक्ति रथस्यात्मजस्य सर्वद्गुण सेवेष्टितस्य ॥ श्री मिथिलेशात्मजा वल्लभास्यातिव भाय तत्पादांबुज मधुप मणये ॥ श्रीमत् मारुत् नन्दनायै नमः ॥ दाहा ॥ निज गुरु पद रज वंदि पुनि सुमिर पवनसुत पाय ॥ करौं सिद्धांत मुक्तावलि गति अनन्य दरसाय || जगद दुषद जिय जानि के त्यागै जग व्यवहार ॥ राम मिलन हित पोजहों सा पुनि संत उदार || इक लिया पाषंडो वेष बहु लोभे नहि तेहि देषि ॥ इनमें हॉरजू ना मिलै वैष्णव में हरि लेषि ॥ ३ ॥ वैष्णव ते सा गुण अधिक राम भक्त जिय जाने || जिनके शरण गति मिलै राम सिया दृढ़ मानि ॥ ४ ॥ तिलक मधुर माला जुगल भुज अंकित धनुवान || राम सिया जुत नाम निज रामभक्त तेहि जान ॥ ५ ॥
SR No.010837
Book TitleTenth Report on Search of Hindi Manuscripts for Years 1917 to 1919
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Bahaddur Hiralal
PublisherAllahabad Government Press
Publication Year1929
Total Pages532
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size38 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy