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APPENDIX 11.
Subjeot.-- पाकशास्त्र अथवा ज्योनार विधान विधि अर्थात् भोजन सामग्री बनाने की विधि और प्रक्रिया तथा भोज्य पदार्थों के गुण दोषादि का निरूपण ।
पृ० १-२ मंगलाचरण, ग्रंथउत्थानि कारण, महाराज की प्राज्ञा कवि की प्रार्थना, महाराजा का प्रादुर्भाव, ग्रंथकार प्रादुर्भाव तथा ग्रंथारंभ की सूचना । पृ० ३-५ ग्रंथ की अनुक्रमणिका ।
पृ० ६ ग्रंथारंभ |
विषयानुक्रमणिका ।
१. वैष्णवी खंड (२) मानवो खंड ज्येानार प्रकार ११७४
प्रथम विश्राम - व्याख्यान ५. धर्म अर्थ काम और मोक्ष का साधन शरीर है और शरीर का साधन माहार भोजन है । विषपरीक्षा मैौर विष से रक्षा के उपाय, (२) वैद्यधर्म, (३) राजधर्म, (४) सूपकार धर्म ॥
द्वितीय विश्राम - ऋतुचर्या, दिनचर्या, भोजन और भोक्ता, ग्रासन, भोजन, परिवेष, आचमन, भोजनदृष्टिपरिहार, भोजनोच्छिष्टान्न दान, ग्राचमनेोच्छिष्ट जलदान, आचमनोदक, ईषिका, भोजनांते जंघास्पर्श, ग्राचमनान्ते करमर्दन, चंदन, भोजनपाक्यार्थ श्लोक तथा तांबूल भक्षण ॥
तृतीय विश्राम - सर्वपाक परिभाषा, व्याख्यान १३ ।
चतुर्थ विश्राम -ग्रन के ५ प्रकार - दाल प्रकार, रोटी प्रकार, पापर प्रकार, विचरी प्रकार, खीर प्रकार तथा पक्की रसाई के पूरो और मिठाई प्रकारादि का वर्णन ॥
५- विश्राम ६-११. द्रव्याद्रव्य विचार ।
६- दुग्धजनित ७- दधिजनित
८ - रसालासि खिरगो जाति
द्रव्यों के ३०
२६
१०
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१३- अचार मुरब्बा आदि १४ - मंदाग्नि, अजीर्ण परिहार
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९- तक मट्ठा
१० - नवनीत नानाघृत
११ - क्षुधाकारक अवलेह चटनो,,
पानप्रादि
१२ - तरकारी प्रकार
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२१
१६
१७
२४
१७१
प्रकार ।
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