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APPENDIX II.
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____No. 43. Anubhava Bani by Dariyava Dasa. SubstanceCountry-made paper. Leaves-7. Size-7" x 31. Lines per page-32. Extent-300 Slokas. Appearance-Old. Charace fer-Nagari. Place of Deposit- Sarasvati Bhandara, Lakshmana Kota, Ayodhya. ____ Beginning.-श्री सीताराम श्री दरियावदास अनुभववानी लिख्यते ॥ दोहा ॥ नमो नमो हरि गुरु नमो नमो नमो सव संत । जन दरिया वंदन करे नमो नमो भगवंत ॥ १ ॥ श्री गुरु प्रस्तुति अंग ॥ दरिया सतगुरु भैटिया जा दिन जन्म सनाथ ॥ सरवन शब्द सुनाय के मस्तक दोया हाथ ॥ २॥ सतगुरु दाता मुक्ति का दरिया परम दयाल | किरपा करि चरना लिया मेट्यो सकल जंजाल ॥३॥ अंतर या वहु जन्म को सतगुरु भाग्यो प्राय ॥ दरिया पत सां रूसनो अव कर प्रीत मनाय ॥ ४॥ जन दरिया हरि भगत की गुरा वताई वाट ॥ भूल्या ऊजड जाय था नरक पड़न के घाट ॥५॥ दरिया सतगुरु शब्द सा मिट गया खैचातान ॥ भरम अंधेरा मिट गया परस्या पद निर्वान ॥ ६॥ दरिया सतगुरु शब्द की लागो चोट सुठोड ॥ चंचल सा निश्चल भया मिट गइ मन की दौड ॥ ७॥ डूवत था भव सिंधु में लोभ मोह को धार ॥ दरिया गुरु तेरू मिला कोया पैली पार ॥ ८॥
End.-साधा कह्यो भगवता कह्यो कहै ग्रंथ अरु वेद ॥ दरिया लहै न गुरु विना तत्व नाम का भेद ॥६॥ राजा बांटे परगना जो गढ़ की पत होय ॥ सतगुर यांटे रामरस पिये जो विरला काय ॥ ७॥ मतवादी जानै नहों ततवादी को बात ॥ दरिया सूरज ऊगया उदंगु अधेरी रात ॥ ८॥ भीतर आंधा भीत सा बाहर ऊगा भान ॥ जन दरिया कारज कहा भीतर बहुतो हान ॥ ९॥ सील तजा तोजान मन करै ब्रह्म को वात । दरिया बाहर चांदनी भीतर काली रात ॥१०॥ बाहर कछु समुझै नहीं जैसे रात अंधेरो हात ॥ जन दरिया भव कछु नहीं भीतर जागी जोत ॥११॥ चिंतामनि चौकस चढ़ी सुही रंक के हाथ । अव ना काहु के संग मिले ना काहू संग बात ॥ १२॥ दरिया चिंतामनि रतन धरो स्वान पर जाय ॥ स्वान संघि कानै भया टूका ही को चाय ॥ १३॥ दरिया हीरा सहसदश लख मन कंचन होय । चिंतामनि एक हो भला ता सम तुलै न कोय ॥ १४ ॥ इति साधु
Subject.-गुरु महिमा और ब्रह्मज्ञान का महत्त्व वर्णन । ___No. 44. Kokasara by Dasasisa. Substance-Countrymade paper. Leaves-60. Size-8" x 6". Lines per page19. Extent-1425 Slokas. Appearance-Very old. Character -Kaithi. Date of Composition -Samvat 1775. Place of Deposit-Mahendra Datta Sarma, c/o Pandita Narayana Datta Vaidya Karavarāwālē, Khurjā, Bulan daśabar.