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________________ APPENDIX II. 131 Beginning.-श्री सुषदेव जी नमयः॥ अथ शब्दों के मंगलाचरण के । श्री गुरु प्रस्तुति बनते ॥ दोहा ॥ ब्रह्म रूप आनंद घन ॥ निर्विकार निलेव ॥ मंगल करन दयाल जो तारन गुरु सुषदेव ॥१॥ सतियन में तुम सत्त हो सूरन में हो बीर ॥ जतियन में तुम जत्त हो श्री सुषदेव गंभीर ॥ २॥ पतत उधारन तुम लषे धर्म चलाव न भेव ॥ संकट सकट निवारियै ॥ जै जै श्री सुषदेव ॥ चिंता मेटन भव हरन ॥ दूर करन जग व्याध ॥ गुरु सुषदेव किरपा करो ॥ चरन लगे सब साध ॥ ४॥ दाता चारौं भेद के श्री सुषदेव दयाल ॥ चरन दास पर हूजियै बारमबार कपाल ॥ ५॥ ___End.-राग कल्यान ॥ सत गुर पांचौ भूत उतारौ ॥ जनम जनम के लागे ही पाये मंतर अव तिन्हैं विडारा॥ काम क्रोध लोभ मोह गरव नैमन बौराय किया अपमायो ॥ जिनके हाथ परे जिय मेरो घेरा घेरी बहु दुष पायो॥ एक घड़ी मोहि छोड़त नाहों लहर चढ़ाय के बहुत नवायो ॥ कपि ज्यों घर घर द्वार नचावै उत्तम हरि को नाम छुटायो । अब कै सरन गही है तुम्हरी चरन ही दास अपान ॥ किरपा करि यह व्याध छुटावो गुरु सुषदेव सयानै ॥ ११ ॥ __Subject.-भक्ति, ज्ञान, वैराग्य आदि विविध विषयों के विविध पदां का संग्रह। ___No. 39. Alankara Abha by Chaturbhuja Misra. Substance-Country-made paper. Leaves-129. Size-11" x 61". Lines per page--17. Extent-2200 Slokas. AppearanceOld. Character-Nagari. Date of Composition -Samvat 1896. Place of Deposit-The Public Library, Bharatapur State. Beginning.-श्री जानकी वल्लभो जयति ॥ कवित्त ॥ सुभग सजल नील नीरद वरन राम सुधिर तड़ित राजै जानकी जू वाम भाग ॥ अंग अंग भूषन खचित मणि जाल मंजु गज मणि माल पीत नील पट छवि जाग ॥ मधुर किसार तिन्हें सेवें सषी चहुं और ढार चैर विजन विथोरे हंसि अनुराग ॥ चतुर निहोरै तहां दुहूं कर जोर मांगै मंगल अनंत फल प्रभू पद प्रेम पाग ॥ १ ॥ दोहा ॥ सकल अमर सिर मुकट मणि नी राजित जिहिं नीर ॥ साचिद घना तरंगिणी मो उर वसौ सधीर ॥२॥ गयय गिरा श्री गुरु चरण वंदो सोस नवाय ॥ मांगी इह वर देहु सब फुरौ अर्थ उर पाय ॥ ३॥ संत सरल जे विमल मति अरु पल अवगुन धाम ॥ सवनि जोर कर पाय परि सिर धरि करहुं प्रणाम ॥४॥ मुकवि ककवि सब नारि नर निज निज मति अनुसार ॥ नृपहिं प्रसंसैं ईश गिनि सौ मैं कर निरधार ॥ श्री वलवंत भुवाल के मनरंजन के हेत ॥ विरच्या ग्रंथ नवीन इह रसिकनु इरष निकेत ॥ ६॥
SR No.010837
Book TitleTenth Report on Search of Hindi Manuscripts for Years 1917 to 1919
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Bahaddur Hiralal
PublisherAllahabad Government Press
Publication Year1929
Total Pages532
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size38 MB
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