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________________ APPENDIX II. 129 मान प्राप्त नरो दुर्लभा इति श्री सुषदेव जी के दास चरनदास जी कृत प्रमरलोक ल ला सम्पूर्णम् समाप्तम् ॥ Subject.-शान-अध्यात्म एवं अमरलोक अर्थात परम धाम का वर्णन । ___No. 38(b). Bhakti Padartha by Charana Dasa. Substance --Country-made paper. Leaves-96. Size-6x6". Lines per page-12. Extent-1150 Slokas. Appearance-Old. Character- Nāgari. Date of Manuscript-Samvat 1933. Place of Deposit-Sarasvati Bhaņdāra, Lakshmaņa Kota Ayodhya. ____ Beginning:-श्री सुषदेव जो सहाय ॥ चरण कयलेभ्यो नमः अथ श्री चरणदास जो कृत भक्ति पदारथ लिप्यते ॥ दोहा ॥ परणाम श्री मुनि व्यासजी मम हिरदे मैं प्राय ॥ भक्ति पदारथ कहत हूं तुमही करो सहाय ॥१॥ प्रेम पगावन ग्यान है जोग जितावन हार ॥ चरणदास को वीनती सुनियौ बारंबार ॥२॥ तुम दाता हम मांगता श्री सुषदेव दयाल ॥ भक्ति दई व्याधा गई मेटे जग जंजाल ॥ ३॥ किसू काम के थे नहीं कोऊ न कोड़ी देह ॥ गुरु सुषदेव कृपा करी भई अमोलक देह ॥ ४॥ काहे कोई न जानता ॥ गिनती में नहिं नांव ॥ गुरु सुषदेव क्रपा करी पुजने लागे पांव ॥ ५॥ सीधी पलक न देषते छूते नाहिं छाहिं ॥ गुरु सुषदेव कपा करी चरनोदक ले जाहिं ॥ ६॥ दूसर के बालक हुते भक्ति विना कंगाल ॥ गुरु सुषदेव कपा करी हरिधन किया निहाल ॥ ७॥ जा धन को ठग ना लगे धाडी सके न लूट ॥ चार चुराई सकै नहिं गांठ गिरै नहिं पूंट ॥ ८॥ ___End.-जै जै श्री सुषदेव जी तुम्हें करूं परनाम ॥ तुम प्रसाद पोथी कही भये जु पूरन काम ॥ ३१८ ॥ हिरदै में सीतल हुये तपत गई सब दूर ॥ या वानो के कहैं तें कायर मन भयो सूर ॥ ३१९ ॥ चंदन चरचै पुहप धर बहुर करै परनाम ॥ कथा बांच सबही सुनै कहा पुरुष कहा वाम ॥३२० ॥ कहै सुनै जो प्रेमसू वाकू राषै याद ॥ चरन दास यों कहत है बनिहो पूरे साध ॥ ३२१ ॥ इति श्री महाराज साहब श्रीचरनदास जो कृत भक्ति पदारथ संपूर्ण समाप्त ॥ सम्बत १९३३ ॥ Subject.-गुरु महिमा, गुरु लक्षण, शिष्य लक्षण ज्ञान, भक्ति, वैराग्य, सत्य, शोल मादि सद्गुणों के वर्णन तथा विविध विषयों पर भक्ति पूर्ण उपदेश । ___No. 38(0). Jnana Svaridaya by Oharana Dasa. Substance -Country-made paper. Leaves--18. Size_8" x 6". Lines per page -16. Extent-258 Slokas. Appearance-Old.
SR No.010837
Book TitleTenth Report on Search of Hindi Manuscripts for Years 1917 to 1919
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Bahaddur Hiralal
PublisherAllahabad Government Press
Publication Year1929
Total Pages532
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size38 MB
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