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________________ APPENDIX II. 103 No. 25 (a). Bhāga vata (First 3 Skandhas) by Bhishma. Substance-Country-made paper. Leaves-107. Size-113 x 7 inches. Lines per page-27. Extent-4,000 Slokas. Appearance-old. Character-Nagari. Date of Manusoript -Samvat 1624. Place of Deposit-The Public Library, Bharatapur State. ___Beginning.-from page 33.-दोहा ॥ साधु वसै प्रभु पास ॥ प्रभु निर्गन गुन वृद ॥ भीषम साई साधु है जो न करै पर निंद ॥१॥ इति श्री भागवते प्रथम स्कंधे भीषम कृत भाषायां नाम अप्टादशोध्यायः॥ १८॥ सूत उवाच ॥ खेलि शिकार पायो निज गेहा ॥ छत्र उतारत भयेग सदेहा नीच कर्म की सुधि जब आई॥ तव राजा मन में पछिताई ॥ अहो अकर्म कोनो हम भारी॥सर्प माल मुनि कै उर डारी ॥२॥ विप्र दाष को वेगि फल होइ ॥ महा कष्ट पावै अव मोहि ॥ करै इलाज वहुधा पुनि जाको ॥ प्रति संहार होइ नहिं ताकी ॥ सपना राज पाट धन जे ॥ ब्रह्म अग्नि करि जरी सव तेता ॥ ज्यो द्विज दै गऊ कुल केरो ॥ होय न पाप बुद्धि फिरि मेरी ॥ असे चिंता करत भूपाल ॥ तक्षक मृतु सुनि भयो निहाल ॥ ऋषि को श्राप अनुग्रह मान्यौ ॥ जग विरक्त कारण जिय जान्यौ ॥ ४॥ छाड़गी चाहत प्रथम है। राई ॥ तिहि छिन तज्या गेह दुषदाई ॥ हरि के कमल चरण चित लाया ॥ तुरत निकट गंगा तट आयो॥ ___End.-देवहू तीनो कियो तप भारी ॥ त्रिकुटी ध्यान समाधि विस्तारी ॥ २१ ॥ जीव ब्रह्म द्वै जानिति नांही ॥ एक ही ब्रह्म लष्यौ हिय माहो ॥ मन चित बुद्धि इंद्री गुण जेते ॥ एक ही घाट निकसे तव तेते ॥ २२॥ जोग जुक्त करि सिद्धि मई जवै ॥ प्राण पयान कियै पुनि तवै॥ ब्रह्म के मधि लीन भई साई ॥ वका श्रोता सुनौ किनि काई ॥ २३ ॥ विदुर कही तो सै सव कथा ॥ तृतिय स्कंध पूछो तुम जथा ॥ वर्णश्रम जे सुनौं चित लाइ ॥ तिनको पर्म लोक थिरताई ॥ २४ ॥ दोहा॥ तृतिय स्कंध के अंत मैं कपिन देव व्याख्यान ॥ भोषम जे सुमिरै सुनै हात गुनो निर्वान ॥ २५॥ इति श्री भागवते तृतीय स्कंधे भीषम कृत भाषायां कपिलायानो नाम यात्रिंशोअध्यायः ॥ ३३ ॥ समाप्तोयं त्रतिय स्कंधः॥ वर्षे ज्येष्ठ शुक्ला १५ भृगौ श्री ॥ Subject:-श्रीमद्भागवत के प्रथम तथा तृतीय स्कंधे को कथा पद्यों में। No. 25 (b) Bhāgavata, Skandha 9th by Bhishma. Substance-Country-made papor. Leaves -67. Size-11 x 71 inches. Lines per page-27. Extent-2,260 Slokas. Appearance-old. Character. -Nagari. Place of DepositThe Public Library, Bharatapur State.
SR No.010837
Book TitleTenth Report on Search of Hindi Manuscripts for Years 1917 to 1919
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Bahaddur Hiralal
PublisherAllahabad Government Press
Publication Year1929
Total Pages532
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size38 MB
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