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________________ APPENDIX II. 98 पाठ॥१॥ पंच महावत प्रादर सुमति पंच परकार ॥ प्रवल पंच इंद्री विजै॥ षड पावसिक पाचार ॥२॥ भूमि सैन मंजन तजन । वसन त्याग कचि लोच । पक वार लघु असन थित ॥ असनंदत वन मोच ॥ ३॥ चौपाई ॥ थावर जंतु पंच परकार । व्यार भेद जंगम तन धार । जो सव जीवन को रखपाल ॥ सा सुसाध वंदै तिरकाल ॥ ४॥ संतत सत्य वंचन मुष कहै । अथवा मौन वरत गहि रहै। मृष वाद न वाले रतो। सेा जिन मारग सांचो यती ॥ ५॥ कौड़ी आदि रतन परजंत । घटत अघट धन भेद अनंत । दत्त प्रदत्त न परसै साइ। तारण तरण मुनीश्वर जोइ ॥ ६॥ पसु पंक्षी नर दानव देव । इत्यादिक रमनी रति सेव । तजै निरंतर मनद विकार । सेा मुनि नमा जगत हित कार ॥ दुविध परिग्रह दस विधि जांन । संष प्रसंष अनंत वषांन । सकन संगत जै होइ निरास । सेा मुनि लहै मोष पदवास ॥ ८ ॥ अधो दिष्ट मारग अनुसरै। प्रासुक भूमि निरषि पग धरै। सदय हृदय साधै सिव पंथ । सा तपसी निरभय निरग्रंथ ॥ ९॥ निरभिमान निरवद्य अदीन । कोमल मधुरि दोष दुषहीन ॥ असे वचन कहै (जो) सुभावु ॥ सा मुनिवर वंदै, धरि भावु ॥ १० ॥ ____End.-जहं जहं नव दुआर मलपात ॥ तहं तहं अमित जीव उतपात ॥ इह लषि तजै देत वन काज । सा सिव पंथ साधक रिषिराज ॥ ३१ ॥ दोहरा ॥ प अठाईस मूल गुण जो पालै निरदोष । सेा मुनि कहत वनारसी पावै अवचल मोष ॥ ३२ ॥ इति साधु वंदना वतीसी समाप्तम् ॥ Subjeot.-जैनो साधुओं के लक्षण । ___No. 19 (b). Moksha Paidi by Banarasi Dasa. SubstanceCountry-made paper. Leaves-3. Size-6 x 6 inches. Lines per page-14. Extent-45 Slokas. Appearanceold. Character-Nagari. Date of composition-A. D. 1627. Place of Deposit-Rama Gopala Vaidya, Jahangirabad, Bulandasahar. Beginning.-अथ मोक्ष पैडी लिप्यते ॥ इक्क समै रुचिंतनै गुरु प्रषै सर्र नमल्ल जो तुझ अंदर चेतना वहै तु साठो मल्ल ॥१॥ अथ पैही ॥ प जिन वचन सुहावने सुनु चतुर झ्याला । अष्टौ रोचक सिष्यनुं गुरु दीन दयल्ला ॥ इ सव वुझै बुद्धि लहलहै नहि रहै मयहा। इस राम रमन जानहि सा ए पद वयल्ला ॥२॥ जिसदा गिरदा पेंच सौ हरिदा कलमला ॥ जिसनों संसै तिमिर सै सुझै झलमढा ॥ पन्है जिन्हादी भूम्मि नै कुग्यान कुदला। सहज तिन्हा दावा हज सों चित रहै दुदहा ॥३॥ तिन्हा पक्क करम्मदा दुविधा पदभला ॥ इक्क पनिठ पशोहना ॥ इक झाक झमझा ॥ तिन्हीं एक न सुझई उपदेस पहला । वंक कटाछे
SR No.010837
Book TitleTenth Report on Search of Hindi Manuscripts for Years 1917 to 1919
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Bahaddur Hiralal
PublisherAllahabad Government Press
Publication Year1929
Total Pages532
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size38 MB
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