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(३८) वलगे छे. एने धाववा- कोणे शीखव्युं छे ? पूर्वनी संज्ञाए जधावे छे कदापि कोइ एम कहे जे माता तेने वलगाडे छे तो ते वात खरी छे, पण मुख हलावq ए तो बालक, ज काम छे, ते काम माताथी बनी शकतुं नथी. वास्ते पाछला भवनी वासनाथी बने छे. गाय, भैशनां बच्चा पण एम ज करे छे. ते सर्व पाछला भवनी संज्ञाथी ज बने छे. न्हानां बच्चांने पैसा बतावीए तो झट लइ ले छे. स्त्रीने जोइ विषय विकार थाय छे. स्त्रीभोग कोइए शीखव्या नथी पण पूर्वना अभ्यासथी वांछना । थाय छे. वली पूर्वभवमा धर्म करयो होये तेवा बालकनी आगल धर्मनी वार्ता करीए तो खुशी थाय छे अने ते संज्ञा नथी होती तो ते राजी थतो नथी एथी पण सिद्ध थाय छे के आत्मा नित्य छे.
५० प्रश्नः-केटलाक धर्मवाला चार गति मानता नथी. फक्त एटलुंज माने छे के जीव, ईश्वर अथवा खुदा अथवा देवने त्यांथी आवे छे भने पाछो त्यां ज जाय छे तेनु केम?
उत्तर:-आ जगत्मां जीव जे धर्ममा उत्पन्न थयो होय ते धर्ममा जे कडं होय ते प्रमाणे ज माने छे. कोइक जीवे नीचजातिनुं कर्म बांध्यु होय अने ते सर्वज्ञना धर्मथी विरुद्ध धर्म पालता होय; परंतु जो निकटभवि होय छे तो चित्तमां न्यायनी बुद्धि प्राप्त थाय छे अने सर्वज्ञनां लक्षण तपासे छे. तेमां जेनां लक्षण न्याय युक्त लागे तेने सर्वज्ञ माने छे. जेने आ भवमां आत्मानुं कार्य थवानुं नथी ते माणस बीजी वातमां कदापि हुंशीयार होय पण सर्वज्ञना लक्षण तपासवानी बुद्धिवालो होय नहीं तेथी ते सर्वज्ञने ओलखतो नथी एटले जे धर्ममा उत्पन्न थयो होय ते प्रमाणे ज वर्ते छे. जुओ के- पाप पुन्यने ते माने छे, त्यारे पाप पु. न्यनां फल भोगवां ज जोइए. पापना योगे नरके जाय छे त्यां दुःख भोगवे छे. बली जेम आहियां गुन्हो करनारने केद करे छे; पाछो ते के दमांथी छूटे छे तेम नरकमाथी पण पाछो नीकले छे. सारां कृत्य करनारने म्होटा ओद्धा मले छे. तेम आ संसारमा पुन्य कर्यु होय तो देवनी