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________________ शास्त्रों के अर्थ समझने की पद्धति आगम के अभ्यास की आवश्यकता मोक्षार्थी को मोक्षमार्ग प्राप्त करने के लिए शास्त्र अध्ययन अत्यन्त आवश्यक है। शास्त्र अध्ययन के द्वारा यथार्थ वस्तुस्वरूप समझ में आता है, उसके समझने पर ही स्वपर भेदविज्ञान द्वारा आत्मज्ञान अर्थात् सम्यग्दर्शनकी प्राप्ति होती है, जिस सम्यग्दर्शन के प्राप्त होते ही ज्ञान चारित्न भी सम्यक्ता को प्राप्त होते हैं। अतः शास्त्र अध्ययन, मोक्षमार्ग प्राप्त करने के लिए सर्वप्रथम आवश्यक है। इस संबंध में मोक्षमार्ग प्रकाशक पन नं. ३०५ में लिखा है कि "इसलिये स्यात् पद की सापेक्षता सहित सम्यग्ज्ञान द्वारा जो जीव जिनवचनों में रमते हैं; वे जीव शीघ्र ही शुद्धात्म स्वरूप को प्राप्त होते हैं। मोक्षमार्ग में पहिला उपाय आगमज्ञान कहा है, आगमज्ञान के बिना धर्म का साधन नहीं हो सकता, इसलिये तुम मी यथार्थवुद्धि द्वारा आगम का अभ्यास करना । तुम्हारा कल्याण होगा।"
SR No.010826
Book TitleShastro ke Arth Samazne ki Paddhati
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages20
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
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