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श्रीजीवाजीवाभि०
मलयगि
२ प्रतिपत्ती जीवास्ति
भेदाः सू० ४४ स्त्रीभेदाः सू०४५
रीयावृत्तिः
सण्णाओ सरडीओ सेरंधीओ भावाओ खाराओ पवण्णाइयाओ चउप्पड्याओ मूसियाओ मुगुसिओ घरोलियाओ गोव्हियाओ, जोहियाओ चिरचिरालियाओ, सेत्तं भुयगपरिसप्पीओ। से किं तं खहयरीओ?, २ चउविधाओ पण्णता, तंजहा-यम्मपश्वीओ, जाव सेसं म्बहयरी
ओ, सेतं तिरिक्वजोणिओ॥ से किं तं मणुस्सिओ?, २तिविधाओ पण्णता, तंजहा-कम्ममूमियाओ अकम्मभूमियाओ अंतरदीवियाओ। से किं तं अंतरदीवियाओ , २ अठ्ठावीसतिविधाओ पण्णत्ता, तंजहा-एगूरूइयाओ आभासियाओ जाव सुद्धनीओ, सेरा अंतरदी०॥से कि तं अकम्मभूमियाओ ?, २ तीसविधाओ पपणत्ता, तंजहा-पंचसु हेमवएसु पंचसु परणवएसु पंचसु हरिवंसेसु पंचसु रम्मगवासेसु पंचसु देवकुरामु पंचसु उत्तरकुरासु, सेसं अकम्मा। से किंतं कम्मभूमिया ?, २ पण्णरसविधाओ पणत्ताओ, तंजहा-पंचसु भरहेसु पंचसु एरवएसु पंचसु महाविदेहेसु, सेरो कम्मभूमगमणुस्सीओ, सेरां मणुस्सिस्थीओ ॥ से कितं देवित्थियाओ?, २ चउबिधा पपणत्ता, तंजहा-भवणवासिदेवित्थियाओ वाणमंतरदेवित्थियाओ जोतिसियदेवित्थियाओ वेमाणियदेवित्थियाओ । से किं तं भवणयासिदेवित्थियाओ?, २ दसविहा पण्णता, तंजहा-असुरकुमारभवणवासिदेवित्थियाओ जाव थणितकुमारमवणवासिदेवित्थियाओ, से तं भवणवासिदेवित्थियाओ। से किं तं वाणमंतरदेवित्थियाओ?, २ अट्ट
तो पण्णता, तंजलायाओ अंतरदीवियामास्सिओ?, २ तिथिमाखीओ, जायगपति
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॥५२॥