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भ० ऋषभनाथका वृत्तांत
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___ लाख वर्षकी, कांति सोनेके जैसी, काया साठ धनुषकी और व्रत
पर्याय पंद्रह लाख वर्षकी होगी। वासुपूज्य और विमलनाथके निर्वाणकालका अंतर तीस सागरोपमका होगा । (३०२-३०३)
१४-अयोध्या सिंहसेन राजा और सुयशादेवीके अनंत नामक पुत्र चौदहवें तीर्थंकर होंगे। उनकी कांति सुवर्ण के समान, आयु तीस लाख वर्ष, काया पचास धनुष प्रमाण, और व्रतपर्याय साढ़े सात लाख वर्ष होगी। विमलनाथके और अनंतनाथके निर्वाणकालका अंतर नौ सागरोपमका होगा।
(३०४-३०५) — १५-रत्नपुरमें भानु राजा और सुव्रतादेवीके धर्म नामक पुत्र पंद्रहवें तीर्थंकर होंगे। उनकी कांति स्वर्णके समान, आयु दस लाख वर्षकी, काया पैंतालीस धनुषकी और व्रतपर्याय ढाई लाख वर्षकी होगी । अनंतनाथ और सुव्रतनाथके निर्वाणकालका अंतर चार सागरोपमका होगा। (३०६-३०७)
१६-गजपुर नगरमें विश्वसेन राजा और अचिरादेवीके शांति नामक पुत्र सोलहवें तीर्थंकर होंगे। उनकी कांति सुवर्णके समान, श्रायु आठ लाख बरसकी, काया चालीस धनुषकी और व्रतपर्याय पच्चीस हजार बरसकी होगी। धर्मनाथ और शांतिनाथके निर्वाणकालका अंतर पौन पल्योपम कम तीन सागरोपमका होगा । (३०८-३०६)
१७-गजपुरमें शूर राजा और श्रीदेवी रानीके कंथु नामक पुत्र सत्रहवें तीर्थंकर होंगे। उनकी कांति सुवर्ण के समान, काया पैंतीस धनुष प्रमाणकी, आयु पचानवे हजार बरसकी और