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४६४ ] त्रिषष्टि शताका पुरुष-चरित्रः पर्व १. सर्ग,
होगी। चंद्रप्रमुके और मुविधिनायके निर्वाणकालका अंतर नव्चे कोटि सागरोपमका होगा। (२६३-२६४) ___ १० महिलपुरमें हद्धरथ राजा और नंदादेवीक पुत्र शीतल नामक दसवें तीर्थकर होंगे। उनका वर्ण सोनके जैसा और शरीर नन्चे धनुषका होगा । उनको श्रायु एक लान्त्र पूर्व और दीनापाय पचीस हजार पूर्व होगी। विधिनायके और शीतलनाथ के निर्माणका अंतर नौ कोटि सागरोपमका होगा।
(२१५-२६६) ११-विप्रापुरी में विष्णु नामक राजा और विष्णुदेवी नामकी गनीके चांस नामक पुत्र ग्यारहवें तीर्थकर होंगे। उनकी श्रायु चौरासी लाख वर्षकी और व्रतपर्याय इक्कीस लाख वर्षकी होगी। उनका वर्ग मानके लेसा, शरीर अली धनुयका और शीतलनाथ और श्रेयांसनायक निर्माणकालका अन्तर बत्तीस हजार कासठ लान्य नया मोनागरोपम कम, एक करोड़ सागरापनका होगा । (२१७-२६६)
१२-चंपापुरीमें बमुख्य राजा और जयादेवी रानी बालुञ्च नामक पुत्र बारहवें तीर्थकर होंगे। उनकी क्रांति लाल, श्रायु बहत्तर लान्त्र बरसकी, काबा सत्तर धनुष प्रमाणकी और दानापर्याय चीवन लान्न वपनी होगी। धेयांसनाथ ओर वामपन्य निर्माणकालका अन्तर चौवन मागरोपमका होगा।
(३००-३०१) १३-कपिल नानक नगर में कृतवमा राजा और श्यामादेवीके विमन्त नामक पुत्र नरहवें नीर्थकर होंगे ! उनकी आयु साठ
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