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________________ ___ बारह चक्रवर्ती १-भरत चक्रवर्ती भगवान ऋषभदेव की दो पत्नियां थीं। एक का नाम सुनन्दा और दूसरी का नाम सुमंगला था । सुमंगला ने चौदह महास्वप्न देखे । सर्वार्थसिद्ध विमान से चवकर वाहु और पीठ का जीव सुमंगला के गर्भ में अवतरित हुआ। महारानी सुमंगला अपने गर्भ का विधिवत् पालन करने लगी । गर्भकाल के पूर्ण होने पर महारानी ने एक सुन्दर युगल को जन्म दिया । युगल सन्तान में एक पुत्र और दूसरी पुत्री थी। बाहु का जीव पुत्र हुआ और पीठ का जीव पुत्री हुई । बालक का नाम भरत और बालिक का का नाम ब्राह्मी रखा गया। भरत की माता सुमंगला ने 'इनके अतिरिक ४९युगल पुत्रों को जन्म दिया जिनके नाम इस प्रकार हैं--(१ भरत २ वाहुबलि) ३ शख ४ विश्वकर्मा ५ विमल ६ सुलक्षणः ७ अमल ८ चिनाज ९ ख्यातकीर्ति १० वरदत्त ११ दत्त १२ सागर १३ यशेधर १४ अवर १५ थवर १६ कामदेव १७ ध्रुव १८ वत्स १९ नन्द.२० सूर २१ सुनन्द २२ कुरु २३ अंग २४ वंग २५ कोसल २६ वीर २७ कलिङ्ग २८ मागध २९ विदेह ३० सङ्गम ३१ दशार्ण ३२ गम्भीर ३३ वसुवर्मा ३४ सुवर्मा ३५ राष्ट्र ३६ सुराष्ट्र ३७ बुद्धिकर ३८ विविधकर ३८ सुयश ४० यशःकीर्ति ४१ यशस्कर ४२ कीर्तिकर ४३ सुषेण ४४ ब्रह्मसेन ४५ विक्रांत ४६ नरोत्तम ४७ चन्द्रसेन ४८ महासेन १९ सुषेण ५० भानु ५१ कान्त ५२ पुष्पयुत ५३ श्रीधर ५४ दुर्द्धर्ष ५५ सुसुमार .५६ दुर्जय ५७ अजयमान ५८ सुधर्मा ५९ धर्मसेन ६० आनन्दन ६१ भानन्द ६२ नन्द ६३ अपराजित ६४ ६४. विश्वसेन ६५. हरिषेण ६६ जय ६७ विजय ६८ विजयंत ६९ प्रभाकर ७० अरिदमन ७ भान ७२ . महावाहु ७३ दीर्घबाहु ७४ मेघ ७५ सुघोष ७६ विश्व ७७ वराह ७८ वसु ७९ सेन ८० कपिल
SR No.010773
Book TitleAgam ke Anmol Ratna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHastimal Maharaj
PublisherLakshmi Pustak Bhandar Ahmedabad
Publication Year1968
Total Pages805
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Story
File Size24 MB
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