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१५७
४६२
४७६ ४७८ १७९
डारायेगी स्कन्धक
रोता
डराऐंगी स्कन्धक को रोती
परिमाण
१८१
परिणाम
१८२
१८६
बढ़ा कालि
जब बड़ा
४९०
विधर
कपिल
१९२
अनेवत्व
किघर
५१०
विजप
५१२
अनेकत्व विजय
५:३
६१३ ५१६
सयाग वहेगा
संयोग
निवाली
कहेगा
५१७
निकाली
केवह सयाग
केवल
पत्मी
बही
मान राज हमरों
संयोग पनि वही मुनि राजा हजारों
५२१
छेड़कर
५२२
छोड़कर
.५२६
२२६
सेवित
५२२
सेवित