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२७
१८६
मेघगाली वतावरण
मेघमालो वातावरण
१९७
२०१
बाकक
बालक
२०४
८०लाख
२१५
हागया
हाकर
२२० २२१ २२५
भनवान पिशाव
८लाख हो गया होकर भगवान पिशाच कर गोशालक
२४१
सर्वत्र
२४२
२८४
गोशालक तीर्थमें विराजमान नाम
३२६
३२८
गुजा
दोनों
गाशालक सवत्र गशालक मेंतो! विारजमान माम गुच्छा दानो वषय हिजारों वर्म . श्रति मन धमपदेश प्राणातिपाल दर्शनाय
३६१
विषय हजारों
३७३
श्रुति
३९६
४१२
४१३
१३० ४३६ ४५६
धर्मोपदेश प्राणातिपाता दर्शणीय दोहद करने
दोदद
करत