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________________ भात्म दर्शन निर्वाण की प्रथम सोढी है। गम्भीर तार रव पूरित दिग्विभाग, स्त्रलोक्य लोक शुभ संगम भूति दक्षः । सद्धर्म राज जय घोषण घोषकः सन्, खे दुन्दुभिर ध्वनति ते यशसः प्रवादी ॥३२॥ मन्दार सुन्दर नमेर सुपारिजात, सन्तानकादि कुसमोत्कर वृष्टिरद्धा। गन्धोद बिन्दु शुभ मन्द मरुत्प्रयाता, दिव्या दिवः पतति ते वयसां ततिर्वा ॥३३॥ शुम्भप्रभा वलय भूरि विभा विभोस्ते, लोकत्रये तिमतां | तिमाक्षिपन्ती । प्रोद्यद्दिवाकर निरन्तर भूरि संख्या, दीप्त्याजयत्यपिनिशामपि सोमसौम्याम् ॥३४॥ 'स्वर्गा पवर्ग गममार्ग विमार्गणेष्टः, सद्धर्म तत्त्व कथनैक पटुस् त्रिलोक्याः । दिव्य ध्वनिर् भवति ते विशदार्थ सर्व, भाषा स्वभाव परिणाम गुणः प्रयोज्यः ॥३५॥ उन्निद्र हेम नवपंकज पुञ्ज कान्ती, पर्युल्लसन्नख मयूख शिखा भिरामौ । पादौ पदानि तव यत्र जिनेन्द्र ! धत्तः, पद्मानि तत्र विबुधा परिकल्पयन्ति ॥३६॥ इत्थं यथा तव विभूतिर भूजिनेन्द्र!, धर्मोपदेशन विधौ न तथा परस्य । यादृक् प्रभा दिनकृतः प्रहतान्धकारा, तादृक्कुतो ग्रह गणस्य विकासिनोऽपि ॥३७॥ श्च्योतन मवाविलविलोल कपोलमूल, मत्त भ्रमद् भ्रमर नाव विवृद्ध कोपम् । ऐरावता भमिभ मुदत मापतन्तं, दृष्ट्वा भयंभवित नोभवदाश्रितानाम् ॥३८॥ भिन्नेभ कुम्भगल दुज्ज्वल शोणिताक्त, मुक्ताफल प्रकर भूषित भूमिभागः । बद्ध क्रमः क्रम गतं हरिणाधिपोऽपि, नाकामति क्रमयुगाचल संश्रितं ते ॥३६॥ कल्पान्त काल पवनोद्धत वह्नि कल्पं, दावानलं ज्वलित मुज्ज्वलमुत्स्फुलिंगम्। विश्वं जिघत्सुमिव सम्मुख मापतन्तं, त्वन्नाम कीर्तन जलं शमयत्य शेषम् ॥४०॥ रक्तक्षणं समद कोकिल कण्ठ नीलं, क्रोधोद्धतं फणिन मुत्फण मापतन्तम् । आक्रामति क्रमयुगेण निरस्त शंकस्, त्वन्नाम नाग दमनी हृदि यस्य पुंसः ॥४१॥ वल्गत्तुरंग गज गर्जित भीम नाद, माजौ बलं बलवतामपि भूपतीनाम् । उद्यद् दिवाकर मयूख शिखा पविद्धं, त्वत्कीर्तनात्तम इवाशु भिदामुपैति ॥४२॥ कुन्तान भिन्न गज शोणित वारिवाह, वेगावतार तरणातुर योध भीमे । युद्ध जयं विजित दुर्जय जेय पक्षास्, त्वत्पाद पंकज वना श्रयिणो लभन्ते ॥४३॥ अम्भो निधौ क्षुभित भीषण नक्र चक्र, पाठीन पीठ भय दोल्बण वाडवाग्नौ । रंगतरंग शिखर स्थित यान पात्रास्, त्रासं विहाय भवतः स्मरणाद् बजन्ति ।।४४॥ [३५३ 10
SR No.010765
Book TitleChandrasagar Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSuparshvamati Mataji, Jinendra Prakash Jain
PublisherMishrimal Bakliwal
Publication Year
Total Pages381
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size13 MB
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