________________
२४१ स्मरण कला
प्रश्न-एकाग्रता साधने के लिए खास उपाय क्या है ? ' ' '
." उत्तर-एकाग्रता साधने के लिए महर्षि पतजलि ने यम, - नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा औरः ध्यान आदि साधन बताए है। उनमें अहिंसा, सत्य, अस्तेयः ( चोरी न करना) ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह ये पाँच यम है। शौच, सन्तोष तप, स्वाध्याय और ईश्वर प्राणिधान ये पाँच नियम है । शरीर स्थिर रह सके तथा मन-व्याकुल न हो, ऐसी स्थिति मे बैठना श्रासन है। प्राण-पवन (श्वासोश्वास) को सर्व प्रकार से नियत्रण मे लेना प्राणायाम है। इन्द्रियों को अपने-अपने विषयो से. निवर्तित करके चित्त के अनुकूल बनाना प्रत्याहार है। शरीर के हृदय आदि आन्तरिक भागो पर अथवा नासिका, भृकुटि आदि बाह्य भागों पर या देव गुरु की कोई मूर्ति विशेष पर एकतानता अनुभव करना ध्यान कहलाता है । ये साधन जो कि अति उच्च प्रकार की एकाग्रता साधने के लिए है तथापि इनके पीछे रहे सिद्धान्तों का उपयोग सामान्य एकाग्रता के लिए भी किया जा सकता है।
अब तुम जिनका प्रयोग कर सको. वैसे कुछेक अनुभव-सिद्ध साधन.बता रहा हूँ । उनका अभ्यास करने के लिए निम्नलिखित सूचनाएं लक्ष्य मे रखना। - । - -. . १ एकाग्रता के - अभ्यास के लिए प्रतिदिन आधा घण्टा पृथक्
निकालना । - - . . . . . . २ अभ्यास करते समय शरीर और वस्त्र से शुद्ध होकर बैठना। . ३ - स्थान ऐसा पसन्द करना कि जहाँ तक बन सके धरघराट या । हल्ला होने की सम्भावना न हो। प्रारभ मे इसकी खास जरूरत
४ आसन बिछाकर बैठना। ५ बैठने का ढग ऐसे रखना चाहिए कि जिससे मेरुदण्ड पर फैले
ज्ञान तन्तु सजग रहे । ६ प्रात काल का समय अधिक अनुकूल माना जाना है।