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स्मरण कला १२५
प्रथम साधन ___ अंगुलि के पैरवों (पर्वो) पर १०८ की संख्या गिनो। उसके बीच मे किसी भी प्रकार का विक्षेप हो जाए, दूसरे विचार मन मे या जाए तो भी इसका अभ्यास बराबर चालू रक्खो। यह गणना जब निर्विक्षेप सम्पन्न हो जाये तब इस स ख्या को २५१ कर दो। इस रीति से क्रमशः आगे बढ़ाते हुए ५०१ प्रौर फिर १००१ तक ले जाओ।
वतीय साधन
भी पुस्तक
अकित
कोई भी पुस्तक को खोल कर उसके एक पत्र मे कितने अक्षर अकित हैं, उसकी गणना करो। ध्यान मे रखना कि गणना शब्दों की नही पर अक्षरो को करनी है । उत्तरोत्तर सूक्ष्म अक्षरों को गिनने का अभ्यास करो।
तृतीय साधन इस पुस्तक के पचम पत्र की प्रतिलिपि करो । यह प्रतिलिपि एकदम बराबर होनी चाहिए। इसमे जिस प्रकार से वाक्य मुद्रित है, उसी रीति से वाक्य लिखने है। जहाँ अल्प विराम हो वहाँ अल्प विराम, जहाँ अर्ध विराम हो वहाँ अर्ध विराम और जहाँ पूर्ण विराम हो वहाँ पूर्ण विराम । दूसरे चिह्न भी यथा स्थान बराबर होने चाहिए । ह्रस्व का दीर्घ और दीर्घ का हस्व न हो।
तुम्हारे द्वारा किया गया अनुलेखन कितना सही है, इसका निर्णय दूसरे के माध्यम से होने दो। प्रारम्भ मे अपनी भूले अपने आप अच्छी प्रकार से नही पकड सकोगे। जब प्रतिलिपि एक दम शुद्ध हो जाए तब आगे बढो
चतुर्थ साधन । हथेली मे चने लेकर उनकी गिनती करो। फिर मूग लेकर गणना करो, शेष मे चावल के दाने गिन सको, इतने आगे बढो।
.. यह विषय अभ्यास का है, इसलिए उसे सिद्ध करने के लिए बराबर कोशिश करो। भूल या अनिश्चितता बिल्कुल नही करो।